नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट से मिली बड़ी खबर के अनुसार भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन (Mohd. Azharuddin) और हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) के कुछ पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का संगीन मामला दर्ज किया गया है। दरअसल इन सभी पर HCA के पैसे के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है। यह जानकारी हैदराबाद पुलिस की ओर से दी गई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मामले पर पुलिस के अनुसार HCA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील कांते बोस की शिकायत के आधार पर यहां उप्पल पुलिस स्टेशन में HCA के पूर्व अध्यक्ष अजहरुद्दीन और अन्य पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ IPC की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।
झूठा है आरोप
इधर खबर मिलते ही सोशल मीडिया ‘X’ पर किए गए पोस्ट में अजहरुद्दीन ने कहा कि कि “मैंने मीडिया रिपोर्टें देखी हैं, जिनमें यह बताया गया है कि CEO, HCA की शिकायतों पर मेरे खिलाफ FIR दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि ये सभी झूठे और प्रेरित आरोप हैं। मैं किसी भी तरह से इन आरोपों से जुड़ा नहीं हूं। मैं उचित समय पर जवाब दूंगा। पूर्व कप्तान ने कहा कि यह मेरी प्रतिष्ठा को बर्बाद करने के लिए मेरे प्रतिद्वंद्वियों द्वारा किया गया एक स्टंट है। हम मजबूत रहेंगे और इसके लिए कड़ी लड़ाई लड़ेंगे।”
I have seen news reports that have reported that FIR’s have been registered against me on complaints by CEO, HCA.
I want to state that these are all false & motivated allegations & I am in no way connected with the allegations.
I will reply to the motivated allegations against…— Dr. (Hon) Mohammed Azharuddin (@azharflicks) October 19, 2023
क्या है मामला
दरअसल शिकायत में HCA के CEO बोस ने कहा कि तेलंगाना उच्च न्यायालय के समक्ष विभिन्न पक्षों द्वारा प्रस्तुत पूर्व रिपोर्टों के मद्देनजर, धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए एक चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म को इस साल अगस्त में एक अवधि के लिए एसोसिएशन का फोरेंसिक ऑडिट करने के लिए नियुक्त किया गया था। वहीं फर्म ने 1 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2023 की अवधि के लिए HCA का एक फोरेंसिक ऑडिट (अंतरिम रिपोर्ट) प्रस्तुत किया। जिसमे वित्तीय नुकसान की पहचान हुई, जिसमें मुख्य रूप से फंड का डायवर्जन, HCA से संबंधित संपत्तियों का दुरुपयोग शामिल है।
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मामला स्टेडियम नें अग्निशमन उपकरणों के लगाए जाने का है जिसमे तत्कालीन अध्यक्ष मोहम्मद अजहरुद्दीन ने द्वारा बिना कोई कारण बताए निविदा जारी कर दी गई। किसी भी बोली लगाने वाले को आवंटित नहीं किया गया और उन्होंने कार्य आदेश जारी करने में जल्दबाजी की।