प्रवीण मिश्रा/खंडवा: नवरात्रि में भक्त देवी मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं. अधिकतर भक्त फलाहार पर ही निर्भर रहते हैं. ऐसे में अगर शुद्ध साबूदाने से बनी खिचड़ी, वड़ा और चटनी खाने को मिल जाए तो व्रतियों को आसानी हो जाती है. खंडवा के घंटाघर पर श्री सवारियां साबदूना खिचड़ी सेंटर पर फलाहारी व्यंजन मिलते हैं, जहां नवरात्रि के दिनों में खासी भीड़ देखने को मिल रही है. यहां पूरी शुद्धता के साथ व्रती लोगों को ध्यान में रखते हुए साबूदाना खिचड़ी और वड़ा बनाया जाता है. इसमें नमक की बजाय सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है, जो व्रत के दौरान भी मान्य है.
25 साल से बना रहे साबूदाना खिचड़ी
स्टाल संचालक राम पूरी ने बताया कि खंडवा शहर में सबसे पहले साबूदाना खिचड़ी का स्टॉल लगाने की शुरुआत उन्होंने की थी. तब से लेकर यहां फलाहारी बनाते हुए 25 साल हो गए हैं. ऐसे तो हिंदू धर्म में साल भर तीज त्योहार तथा व्रत होते हैं तो उसमें लोग साल भर व्रत में साबूदाना खिचड़ी खाना ज्यादा पसंद करते हैं. उनके यहां से लोग पैक करवा कर भी ले जाते हैं. वह शुद्धता का पूरा ध्यान रखते हैं.
कैसे तैयार होती है राजस्थान साबूदाना खिचड़ी
राम बताते हैं कि इसे बनाने के लिए राजस्थानी रेसिपी का उपयोग किया जाता है. यह खिचड़ी बिना तेल के बनाई जाती है. जिसमें सबसे पहले उबला सफेद साबूदाना लिया जाता है. उसके बाद तीन तरह के मसाले तथा नींबू के रस को मिलाया जाता है. उससे खिचड़ी चटपटी हो जाती है. फिर आखिर में फलाहारी मिक्चर मिलाकर उसे ग्राहकों को परोस दिया जाता है.
सुबह से शाम तक लोगों का लगा रहता है आना-जाना
बता दें कि शहर में साबूदाना व्यंजनों से जुड़ा है. यह एक इकलौता स्टाल है, जिसके कारण लोगों की काफी भीड़ बनी रहती है. त्योहार सीजन भी सुबह से लेकर रात तक स्टाल खुला रहता है, जिसकी वजह से बिल्कुल भी फुरसत नहीं मिलती है.
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FIRST PUBLISHED : October 18, 2023, 18:06 IST