हादसे के बाद 250 मीटर तक घिसटती रही कार, महिला की गर्दन कटी
– यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों समेत पांच की मौत का मामला
मनोज कुमार शर्मा /दीपक सिंघल
जेवर/रबूपुरा। यमुना एक्सप्रेसवे पर शुक्रवार रात हुए हादसे के बाद तेज रफ्तार ईको कार अनियंत्रित होकर पलटकर करीब 250 मीटर तक घिसटती चली गई। हादसे में कार सवार कांति देवी की गर्दन कटकर अलग हो गई। बुरी तरह क्षतिग्रस्त कार में सवार आठों लोग फंस गए। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस, एक्सप्रेसवे सुरक्षाकर्मियों और ग्रामीणों ने कटर से कार को काटकर घायलों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया।
हादसे में भी तेज रफ्तार कार के आगे चल रहे ओवरलोड वाहन से टकराने की बात सामने आई है। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस के मुताबिक हादसे के वक्त ओवरटेकिंग लेन में दौड़ रही ईको कार की गति 119 किमी प्रति घंटे थी। एक ही परिवर के चार सदस्यों समेत पांच लोगों की मौत और तीन बच्चों को आईसीयू में भर्ती होने के कारण मौके पर उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं था। हालांकि बाद में पुलिस की सूचना के आधार पर रिश्तेदार और परिचित अस्पताल पहुंच गए थे।
पुलिस ने बताया कि हादसे के वक्त बिजेंद्र कार चला रहा था। वहीं उनके रिश्तेदारों का कहना था कि घर से निकलते वक्त बिजेंद्र का दोस्त सुरेश कार चला रहा था। गंभीर रूप से घायल तीनों बच्चों को जेवर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
देर शाम तक जांच का हवाला देती रही पुलिस
यमुना एक्सप्रेसवे पर सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बावजूद पुलिस शनिवार शाम तक हादसे की जांच जारी होने का हवाला देती रही। हादसे की ठोस वजह स्पष्ट रूप से नहीं बताई गई। पुलिस सूत्रों ने जानकारी दी कि भारी व ओवरलोड वाहन से टकराने के बाद कार अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे के बाद वाहन चालक वाहन समेत फरार हो गया। वहीं पुलिस रबूपुरा क्षेत्र के पास में फलैदा कट होने के कारण भारी वाहन के रफ्तार कम करने या वाहन खड़ा करने की आशंका जता रही है।
ओवरलोड वाहनों पर नही हो पाती कार्रवाई
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे पर नियम विरुद्ध धीमी और तेज रफ्तार कई बार हादसे का कारण बनी हैं। तेज रफ्तार वाहनों के चालान होने के बावजूद इन पर लगाम नहीं लग पा रही है। वहीं, ओवरलोड भारी वाहन भी दिनरात नियम तोड़कर फर्राटा भरते नजर आते हैं। एक्सप्रेसवे पर सीट बेल्ट एवं ओवर स्पीड का नियम तोड़ने वालों के लिए एचडी कैमरे लगाए गए हैं। लेकिन ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने के लिए ठोस इंतजाम नही किए गए। ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करने वाले यातायात, खनन एवं परिवहन के अलावा पुलिस भी लगाम नहीं लगा पा रही है। ओवरलोड होने के कारण ही भारी वाहन निर्धारित रफ्तार से नहीं दौड़ पाते। इसके चलते तेज रफ्तार वाहन पीछे से आकर इनसे टकराकर हादसाग्रस्त हो जाते हैं। ब्यूरो
आधे वाहनों का भी नहीं हो पाता चालान
यमुना एक्सप्रेसवे पर प्रतिदिन 15 से 20 हजार वाहन गुजरते हैं। टोल प्रबंधन ने बताया कि इनमें से औसतन 60 प्रतिशत वाहन गति सीमा का उल्लंघन करते हैं। नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों का डाटा फोटो सहित विभाग को भेज दिए जाते हैं। एक्सप्रेसवे प्रबंधन की तरफ से डाटा भेजने के बाद भी इनमें से आधे वाहनों के चालान नहीं हो पाते। जिससे गति सीमा पर लगाम नहीं लग पा रही हैं। टोल प्रबंधन के पास ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों का डाटा नहीं है।
200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार चलते हैं वाहन
यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे हैं, लेकिन कई बार वाहनों की रफ्तार 200 किमी प्रति घंटे तक भी दर्ज की गई है। यातायात पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से तेज रफ्तार वाहन चालकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है। इस कारण हादसों की संख्या बढ़ती है। उधर अधिकारियों सा कहना है कि जल्द ही एक्सप्रेसवे पर बेलगाम दौड़ने वाले वाहनाें के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
एक और हादसा: दो करों भिड़ीं, चार घायल
रबूपुरा (संवाद) । यमुना एक्सप्रेसवे जिस जगह शुक्रवार रात हुए हादसे में पांच लोगों की मौत हुई। उसी के पास शनिवार दोपहर फॉक्सवैगन कार के यूटर्न लेने के दौरान फॉर्च्यूनर उससे टकरा गई। हादसे में फॉर्च्यूनर चालक दिल्ली के नूर हसन और अम्मार और फॉक्सवैगन कार सवार महिला और पुरुष घायल हो गए। हादसे के कारण एक्सप्रेसवे पर यातायात बाधित हो गया। पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहनों को हटाकर यातायात सुचारू कराया।