रितेश कुमार
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एक न एक दिन भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होने का सपना लिए रांची छोड़कर दिल्ली आए रितेश कुमार विश्वकप में खेलने आई श्रीलंका और अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के दुलारे बन गए हैं। लेजेंड्स क्रिकेट लीग के नेट पर सनथ जयसूर्या, तिलकरत्ने दिलशान जैसे दिग्गजों को रितेश की मिस्ट्री स्पिन गेंदबाजी ऐसी भाई कि उन्होंने विश्वकप में श्रीलंकाई टीम को अभ्यास कराने के लिए उन्हें साथ जोड़ दिया। रांची में सब्जी बेचने वाले माता-पिता के बेटे और यहां दिन में क्रिकेट और रात में होटल पर वेटर का काम करने वाले रितेश के लिए श्रीलंकाई टीम ने पूरे विश्वकप में उन्हें अपने साथ रखने के लिए आईसीसी को भी लिखा है। श्रीलंकाई टीम की ही सिफारिश पर वह दिल्ली में अफगानिस्तान टीम को अभ्यास करा रहे हैं।
अफगानिस्तान टीम को भी करा रहे हैं अभ्यास
रितेश के मुताबिक गरीब बच्चों की मदद करने वाले रोहित की बदौलत उन्हें लेजेंड्स लीग के नेट पर गेंदबाजी करने का मौका मिला। यहीं जयसूर्या और दिलशान ने उनसे कहा था कि श्रीलंका की टीम जब विश्वकप में खेलने आएगी तो वह उन्हें अभ्यास कराएंगे। श्रीलंका की टीम जब दिल्ली में आई तो उनके पास श्रीलंकाई टीम का बुलावा आया। इसके बाद टीम ने आईसीसी को अपने साथ जोड़ने के लिए लिखा। हालांकि इसकी अनुमति नहीं अभी तक नहीं मिली है। इसके बाद श्रीलंकाई टीम ने डीडीसीए को लिखा कि रितेश को यहां आने वाली टीमों के साथ जोड़ा जाए। इसके बाद उन्हें अफगानिस्तान के बल्लेबाजों को नेट पर गेंदबाजी करने का मौका दिया गया है। जब तक अफगानिस्तान की टीम दिल्ली में है, वह उन्हें अभ्यास कराते रहेंगे।
मनविंदर बिसला की अकादमी खेलते हैं रितेश
20 वर्षीय रितेश इस वक्त हरियाणा के क्रिकेटर मनविंदर बिसला की अकादमी में खेलते हैं। दाएं हाथ से अंदर और बाहर दोनों ओर गेंद निकालने वाले रितेश ने रांची उस वक्त छोड़ा जब देहरादून स्थित मदन लाल की एमेनिटी क्रिकेट अकादमी और स्कूल में उनका चयन हो गया। वहीं से उन्होंने 12वीं की, लेकिन स्कॉलरशिप बंद होने पर उसके बाद उन्होंने रांची की बजाय दिल्ली आने का फैसला लिया। यहां वह दिन में क्रिकेट खेलते हैं और रात में होटल पर वेटर का भी काम करते हैं, लेकिन उन्हें विश्वास है कि वह अपनी मेहनत से एक न एक दिन अपनी मंजिल जरूर हासिल कर लेंगे।