स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। इस समय क्रिकेट जगत में आईपीएल की धूम है। आईपीएल-2024 का रंग सभी के सिर चढ़कर बोल रहा है। क्रिकेट की दुनिया में आईपीएल को एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जाता है। इसी की देखा-देखी बाकी देशों ने भी अपनी टी20 लीग शुरू की। लेकिन आज के समय में आप जो रंग बिरंगी क्रिकेट देख रहे हैं उसकी शुरुआत एक बगावत से हुई थी और उस बगावत से पर्दा आज ही के दिन यानी नौ मई को साल 1977 में उठा था। ये दिन क्रिकेट के इतिहास में कभी नहीं भुलाया जा सकता।
हम बात कर रहे हैं कैरी पैकर वर्ल्ड सीरीज की। कैरी पैकर ऑस्ट्रेलिया के बहुत बड़े बिजनेसमैन थे जिन्होंने क्रिकेट को नया रंग-रूप देने का फैसला किया था। इसके लिए बगावत की भी और करवाई भी। उनकी इस प्लानिंग पर से पर्दा नौ मई 1977 को अंग्रेजी अखबर डेलीमेल की एक रिपोर्ट से उठा था।
खिलाड़ियों ने दिया पैकर का साथ
ऑस्ट्रेलियाई टीम उस समय इंग्लैंड के खिलाफ एशेज सीरीज का तैयारी कर रही थी और फिर ये खबर आई। पता चला कि टीम के 17 में से 13 सदस्य तो पैकर के लिए हो गए हैं। पैकर ने इस बगावत की शुरुआत एक कारण से की थी। बात 1976 की है। पैकर चाहते थे कि उनका टीवी नेटवर्क-चैनल 9 ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट मैचों का प्रसारण करे। इस डील को हासिल करने के लिए पैकर हर कीमत चुकाने को तैयार थे, लेकिन क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उनकी एक न मानी और उनका ये प्रस्ताव ठुकरा दिया। ये बात पैकर को अखर गई।
उन्होंने अपनी क्रिकेट सीरीज शुरू करने का फैसला किया। इस बारे में उन्होंने किसी को नहीं बताया। जो किया गुपचुप तरीके से किया। उस समय क्रिकेट की दुनिया के बड़े से बड़े दिग्गज को पैकर ने अपनी तरफ कर लिया। इसमें इंग्लैंड के पूर्व कप्तान टोनी ग्रेग ने उनका साथ दिया। ऑस्ट्रेलिया के ग्रैग चैपल, इयान चैपल, वेस्टइंडीज के क्लाइव लॉयड, विवियन रिचर्ड्स, पाकिस्तान के इमरान खान जैसे कुल 35 खिलाड़ी पैकर के साथ थे।
आईसीसी ने उठाया सख्त कदम
ग्रैग चैपल को इसी कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी गंवानी पड़ी। आईसीसी ने मामला बढ़ता देख इसमें दखल दिया। 23 जून वो तारीख थी जब पैकर और आईसीसी की बैठक हुई। दोनों में बात नहीं बनी। पैकर चाहते थे कि उनकी ऑस्ट्रेलिया के मैचों को दिखाने की जो मांग है वो पूरी हो, लेकिन ये बात आईसीसी के हाथ में नहीं थी। इसलिए बात नहीं बनी। आईसीसी ने फिर पैकर की वर्ल्ड सीरीज के मैचों को अनऑफिशियल घोषित कर दिया और फैसला दिया कि जो भी इसमें हिस्सा लेगा उसे फर्स्ट क्लास और टेस्ट क्रिकेट से बैन कर दिया जाएगा।
कोर्ट पहुंचे पैकर
पैकर को आईसीसी का ये फैसला रास नहीं आया और उन्होंने इसके खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया। कोर्ट ने फैसला दिया कि पैकर अपनी सीरीज के मैचों को टेस्ट मैच का नाम नहीं दे सकते और न ही उनके टूर्नामेंट में टीमें देश के नाम से होंगी। पैकर ने अपने मैचों को सुपरटेस्ट और टीम को डब्ल्यूएससी ऑस्ट्रेलिया का नाम दिया।
बदल गया क्रिकेट
बाद में हालांकि ये वर्ल्ड सीरीज बंद हो गई लेकिन इसने जो बदलाव किए थे वो आज की क्रिकेट की जान बने हुए हैं। वर्ल्ड सीरीज में डे-नाइट मैच खेले गए। इस सीरीज में सीमित ओवरों के मैच भी खेले गए। कलरफुल कपड़ों में क्रिकेट खेलने की शुरुआत भी इस सीरीज से हुई जिसे बाद में आईसीसी ने आधिकारिक रूप से अपनाया। ये ऐसी चीजें हैं जो कैरी पैकर की वर्ल्ड सीरीज में देखने को मिली थीं और बाद में आईसीसी ने इन्हें पूरी तरह से अपना लिया और आज इनके बिना क्रिकेट की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
ऐसे खत्म हुई सीरीज
कैरी पैकर की वर्ल्ड सीरीज कुल 17 महीने चली जिसका प्रभाव आज भी देखने को मिलता है। पैकर को मैदान नहीं मिले थे तो ड्रॉप-इन पिचों का इस्तेमाल कर उन्होंने फुटबॉल मैदानों पर क्रिकेट मैच करवाए थे। बाद में पैकर के चैनल-9 को प्रसारण अधिकार मिल गए थे और इसलिए वर्ल्ड सीरीज का अंत हो गया।