Opinion: अंग्रेजी में लल्लू कैसे समझेंगे कर्स्टन और गिलेस्पी की बात? गोरे कोच से हमेशा पाकिस्तान की बर्बादी हुई


नई दिल्ली: इंग्लिश नहीं आना बहुत बड़ी बात नहीं है। भारत में भी लाखों लोगों को इंग्लिश नहीं आती है। इससे कोई बुराई नहीं है। इंग्लिश को आज के समय में भी स्टेटस सिंबल माना जाता है। यह पूरी तरह गलत है। लेकिन जब किसी को इंग्लिश नहीं आ रही हो और इसी भाषा का नॉवेल लेकर बैठ जाएगा तो उसे कुछ समझ नहीं आने वाला। वह खुद अपना समय बर्बाद करेगा। सीधी बात ये है कि आपको जो भाषा आती हो उसी का इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट टीम को यह बात समझ नहीं आ रही है। बार बार मुंह की खाने के बाद भी एक बार फिर पाकिस्तान ने दो विदेशियों को अपना हेड को बना दिया है।

इंग्लैंड की राह पर पाकिस्तान

पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड की राह पर चलने का फैसला किया है। रेड और व्हाइट बॉल फॉर्मेट के लिए पीसीबी ने दो अलग अलग कोच रखे हैं। वनडे और टी20 में गैरी कर्स्टन जबकि टेस्ट में जेसन गिलेस्पी को पाकिस्तान का हेड कोच बनाया गया है। पिछले कुछ समय में पाकिस्तान का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। वर्ल्ड कप 2023 में टीम सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच पाई। वर्ल्ड कप के बाद ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में टीम को सभी 8 मैचों में हार मिली।

कोच की बात समझेंगे कैसे?

कर्स्टन और गिलेस्पी की पाकिस्तान की भाषा नहीं आती और पाकिस्तान के लगभग सभी खिलाड़ियों को इंग्लिश। यही वजह है कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों के लिए विदेशी कोच के साथ काम करना मुश्किल है। पीसीबी कुछ भी कर ले उनके बीच कम्यूनिकेशन गैप रहेगा ही। पाकिस्तानी के काफी कम खिलाड़ी इंग्लिश बोल और समझ पाते हैं। कप्तान बाबर आजम को भी इंग्लिश में परेशानी होती है। वहीं विदेशी कोच इंग्लिश में ही बात करेगा। जब कप्तान और कोच के बीच कम्यूनिकेशन ठीक से नहीं होगा तो टीम कैसी चलेगी। विदेशियों का एक्सेंट भी काफी अलग होता है। भारत या पाकिस्तान में इंग्लिश आने वालों को भी कई बार एक्सेंट की वजह से विदेशियों की बात समझ में समय लगता है।

विदेशी को हटाकर विदेशी रख लिया

पाकिस्तान में दुनिया के एक से बढ़कर एक क्रिकेटर हुए हैं। बल्लेबाजी से लेकर गेंदबाजी तक में उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है। इसके बाद भी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने विदेशियों को अपने हेड कोच बनाया। इससे पहले ग्रांट ब्रैडबर्न टीम के हेड कोच थे। उनके साथ मिकी ऑर्थर टीम डायरेक्टर थे। सभी ने टीम वर्ल्ड कप में टीम का प्रदर्शन देखा। आर्थर ने तो डीजे को भारत के खिलाफ पाकिस्तान की हार का कारण बता दियाथा। उससे पहले एशिया कप में पाकिस्तान फाइनल भी नहीं खेला था। इसके बाद भी पीसीबी को विदेशियों पर ही भरोसा है।

देसी कोच दो बार वर्ल्ड चैंपियन बना चुका

पाकिस्तान ने अभी तक दो बार वर्ल्ड कप जीता था। 1992 वनडे वर्ल्ड कप के बाद पाकिस्तान ने 2009 टी20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि दोनों ही टूर्नामेंट में पाकिस्तान का हेड कोच देसी था। दोनों ही मौकों इंतिखाब आलम पाकिस्तान के मुख्य कोच थे। देसी कोच होने का फायदा है कि वह आसानी से अपनी बात खिलाड़ियों को बोल सकता है। विदेशी कोच के रहते पाकिस्तान ने एक बार 2017 का चैंपियन ट्रॉफी जीता है। लेकिन आज खुद पाकिस्तानी क्रिकेट फैंस भी उसे सिर्फ इत्तफाक मानते हैं। वसीम अकरम ने तो लाइव मैच के बाद ये बात बोल दी थी।

घरेलू कोच पर भरोसा दिखा रहीं टीमें

आज के समय में ज्यादातर टीमें देसी कोच पर भरोसा दिखा रही हैं। भारतीय टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ हैं। वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के हेड कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड हैं। साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड के हेड कोच भी देसी हैं। ये चारों टीमें वर्ल्ड कप 2023 के सेमीफाइनल में पहुंची थीं। देसी कोच खिलाड़ियों को बेहतर तरीके से समझने के साथ ही उन्हें पूरा समय भी देता है। गैरी कर्स्टन अभी आईपीएल में कोचिंग कर रहे हैं। हेड कोच बनने के बाद भी वह वीडियो कॉन्फ्रेंस पर पाकिस्तान टीम से बात करते हैं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *