चीन के हांगझोउ में जारी एशियन गेम्स में एक तरफ जहां पदकों के लिए जोरदार मुकाबले जारी हैं… कीर्तिमान टूट रहे हैं, वहीं बुधवार को क्रिकेट में जो कुछ भी हुआ उसे ‘खुलकर’ सराहना नहीं मिली. आंकड़ों में दिलचस्पी रखने वाले उस वक्त ‘दंग’ रह गए, जब एक ही मैच में टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट के एक के बाद एक कई रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए. कई बड़े क्रिकेट खिलाड़ी आए और गए… लेकिन अब जो रिकॉर्ड बने हैं, उन्हें जानकर ‘हिटमैन’ रोहित, ‘किंग’ कोहली, ‘360 डिग्री’ सूर्या… जैसे सूरमाओं को कौन पूछेगा..?
हांगझोउ एशियन गेम्स के चौथे दिन (27 सितंबर) पुरुषों के क्रिकेट मुकाबले शुरू हुए. पहले ही मैच में रनों की ऐसी बारिश हुई कि क्रिकेट प्रशंसक हक्के-बक्के रह गए. यह ऐसी टीमों के बीच मुकाबला था, जिसे मैच से पहले तवज्जो नहीं मिली होगी… लेकिन जब रिकॉर्डतोड़ बल्लेबाजी होने लगी तो हर किसी का ध्यान इस ओर जाना स्वाभाविक था. दरअसल, यह मुकाबला नवोदित नेपाल और मंगोलिया के बीच था. नेपाल के खिलाड़ियों को तो इस बार एशिया कप (वनडे फॉर्मेट) में देखा गया था… लेकिन दूसरी ओर मंगोलिया की टीम तो बिल्कुल नई नवेली है, जो पहली बार किसी इंटरनेशनल मैच में उतरी थी.
अब जान लेते हैं… मंगोलिया जैसी कमजोर टीम के खिलाफ नेपाल ने ऐसा क्या कर दिया कि क्रिकेट के कई बड़े रिकॉर्ड ‘तबाह’ हो गए. यह टी20 इंटरनेशनल का 2255वां मैच था.
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– तीसरे नंबर पर उतरे नेपाल के कुशल मल्ला ने महज 34 गेंदों में शतक पूरा कर टी20 इंटरनेशन में सबसे तेज सेंचुरी का कीर्तिमान रच दिया. इससे पहले यह रिकॉर्ड संयुक्त रूप से रोहित शर्मा (श्रीलंका के खिलाफ) और डेविड मिलर (बांग्लादेश के खिलाफ) के नाम था, जिन्होंने 2017 में 35-35 गेंदों में शतक जमाए थे.
– जब भी टी20 फॉर्मेट में सबसे तेज अर्धशतक की बात होती थी, तो युवराज सिंह का रिकॉर्ड याद आता था, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा. नेपाल के दीपेंद्र सिंह ऐरी के बल्ले ने महज 9 गेंदों में 50 रन उगल दिए और युवराज-क्रिस गेल-हजरतुल्लाह जजई से यह रिकॉर्ड छीन लिया. इन तीनों ने इससे पहले 12 गेंदों में अर्धशतक बनाने के कारनामा किया था. युवराज का अर्धशतक जहां टी20 इंटरनेशन में आया था, वहीं बाकी दो अर्धशतक बिगबैश लीग (गेल का) और अफगानिस्तान प्रीमियर लीग (जजई का) में बने थे.
– नेपाल ने मंगोलियाई गेंदबाजों की धुनाई कर टी20 फॉर्मेट में इतिहास रच डाला. पहली बार 20 ओवरों में 300 रन से ज्यादा रन (314/3) बरसे. इससे पहले अफगानिस्तान के नाम यह रिकॉर्ड था, जिसने आयरलैंड के खिलाफ 2019 में 278/3 रन बनाए थे. चेक रिपब्लिक की टीम ने भी उसी साल तुर्की के खिलाफ इतने ही रन (278/4) बनाए थे.
– इतना ही नहीं, जब मंगोलियाई टीम आसमानी लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो 41 रनों पर ही ढेर हो गई. नेपाल ने मंगोलिया को 273 रनों से कुचल डाला और टी20 में उसे सबसे बड़ी जीत मिल गई. इससे पहले 2019 में चेक गणराज्य ने तुर्की के खिलाफ 257 रनों से जीत हासिल की थी.
एशियन गेम्स में क्रिकेट को एक बार फिर जरूर लाया गया, पर चीजें बेमेल रह गई हैं. अभी तो ग्रुप मुकाबलों में नेपाल के अलावा मंगोलिया, मालदीव, कंबोडिया, हॉन्ग कॉन्ग, जापान, मलेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड की टीमें खेल रही हैं. इन टीमों में नेपाल का स्तर थोड़ा ऊंचा कहा जाएगा, क्योंकि उसने हाल में एशिया कप के वनडे फॉर्मेंट में खेलने का अनुभव हासिल कर लिया और भारत-पाकिस्तान जैसी टीमों का मुकाबला किया. शायद इसी अनुभव का फायदा उठाकर उसने मंगोलिया जैसी टीम को ‘खिलौना’ बना डाला.
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इस टूर्नामेंट में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसी टीमें सीधे क्वार्टर फाइनल में खेलेंगी. ऐसे में ग्रुप मुकाबलों से अंतिम-8 में पहुंचने वाली फिसड्डी टीमों का क्या हाल होगा… इनके खिलाफ वहां के छोटे ग्राउंड पर न जाने कितने रिकॉर्ड बनेंगे. यह सच है कि एशियाई देशों में इस लोकप्रिय खेल के प्रसार के लिए एशियन गेम्स में 2010 और 2014 के बाद फिर से जिम्मा उठाया गया, लेकिन यह स्वीकार करना होगा कि जिन रिकॉर्ड्स के लिए बड़े-बड़े खिलाड़ी तरसते हैं उन्हें आसानी से हासिल कर लिया जाएगा.