Patna News: पटना में ओवरलोट ऑटो पर चला कानून का डंडा, ट्रैफिक पुलिस ने महज एक दिन में वसूल डाले 1.80 लाख रुपये – Traffic rules violation in bihar Patna traffic police issued challan to overloaded auto drivers plying in Patna


आशीष शुक्ल, पटना। दैनिक जागरण इस पर लगातार ध्यान आकृष्ट करता रहा है कि सड़कों पर चले रहे बेलगाम ऑटो के कारण लोग कब दुर्घटनाग्रस्त हो जाएं, कहा नहीं जा सकता। पटना प्रशासन ने शुक्रवार को कार्रवाई की तो यह सच भी सामने आ गया कि किस तरह यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

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ऐसे 268 ओवरलोड ऑटो और ई-रिक्शा से 1.80 लाख का जुर्माना वसूला गया है। ऐसों की संख्या कहीं ज्यादा है, पर थोक में जितने पकड़े गए, उससे स्पष्ट है कि स्थिति किस हद तक पहुंच चुकी है।

शहर के बाहरी क्षेत्रों में तो कोई रोक-टोक भी नहीं है। आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। और तो और, बच्चों तक को ठूंस-ठूंस कर ऑटो में ले जाया जाता है।

न्यू बाइपास पर जब कार्रवाई शुरू हुई तो ऐसे ऑटो चालक पकड़ में आ गए। हालांकि, अभी भी ओवरलोड ऑटो चल रहे हैं। ट्रैफिक डीएसपी अनिल कुमार ने बताया कि स्टेशन, बस अड्डा समेत कई स्थानों पर अभियान चलाया गया है। इसे जारी रखा जाएगा। हालांकि, पहले दिन केवल शहरी क्षेत्र में कार्रवाई की गई है।

इस अभियान को और विस्तार दिया जाएगा। आसपास के इलाकों में भी अभियान चलाने की तैयारी है। गुरुवार को ही कार्रवाई का निर्णय लिया गया था, पर हैंड हेल्ड मशीनों के सर्वर डाउन हो गए थे। इस कारण एक दिन बाद अभियान चलाकर कार्रवाई शुरू की गई है।

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इधर, जब कानून का डंडा ढंग से चला तो ऐसे चालकों की मनमानी में कमी का असर भी कई जगहों पर दिखने लगा है। हालांकि, अभी भी आगे की सीट पर यात्री बिठाए जा रहे हैं, पर पहले की तरह ठूंस-ठूंसकर तीन-चार नहीं। इस पर अभी पूरी तरह नकेल नहीं कसी जा सकी है।

ऑटो और ई-रिक्शा चलाने वालों में कई नाबालिग भी हैं। बगैर लाइसेंस और नो-पार्किंग खड़े 86 ऑटो व ई-रिक्शा को भी जब्त किया गया है।

एनएच पर हाइ-वे पेट्रोलिंग के लिए गश्ती दल

कुछ माह पूर्व राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) पर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बिहार पुलिस ने विशेष गश्ती दल के गठन का प्रस्ताव तैयार किया। इस गश्ती दल में करीब डेढ़ हजार ट्रैफिक पुलिसकर्मी शामिल होंगे, जो ओवर स्पीड, अनियंत्रित ढंग से ड्राइविंग आदि पर नजर रखेंगे, ताकि दुर्घटनाओं में कमी आ सके।

इसके लिए प्रत्येक 50 किमी पर इंटरसेप्टर वाहनों के साथ चार पुलिसकर्मी की तैनाती की बात कही गई थी। इसके लिए 114 इंटरसेप्टर गाड़ियां खरीदने का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया है। ये गाड़ियां डायल-112 से जुड़ी होंगी, ताकि आपातकाल या दुर्घटना के समय मदद के लिए पहुंच सकें।

हादसों के बाद भी ऑटो चालकों की मनमानी पर नहीं लग रहा प्रतिबंध 

दुर्घटनाग्रस्त ऑटो का चालक पकड़ से बाहर कंकड़बाग थाना क्षेत्र में जिस ऑटो दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई, उसका चालक चार दिनों बाद भी पकड़ में नहीं आ सका है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी का दावा कर रही है। दुर्घटना के कारणों की जांच भी की जा रही है।

प्रारंभिक जांच में बताया गया था कि ऑटो ओवरलोड था और उसकी गति बहुत तेज थी। इसी वजह से अनियंत्रित होकर पटलते हुए क्रेन से टकरा गया था। हालांकि जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट होगा कि और क्या कारण रहा।

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