Petrol Diesel Price: फूड सेफ्टी एक्ट में सुधार हो, बिजली-डीजल के दाम एक समान रखे – Petrol Diesel Price Food Safety Act should be improved electricity and diesel prices should be kept same


Petrol Diesel Price: नेशनल ट्रेड वेलफेयर बोर्ड की बैठक में मध्य प्रदेश की ओर से दिए सुझाव।

By Sameer Deshpande

Publish Date: Thu, 08 Feb 2024 12:07 PM (IST)

Updated Date: Thu, 08 Feb 2024 12:07 PM (IST)

Petrol Diesel Price: फूड सेफ्टी एक्ट में सुधार हो, बिजली-डीजल के दाम एक समान रखे
फूड सेफ्टी एक्ट में सुधार हो, बिजली-डीजल के दाम एक समान रखे

नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर Petrol Diesel Price। एक देश और एक टैक्स के नारे के दौर में देश में बिजली-डीजल-पेट्रोल के दाम भी एक समान होना चाहिए। नेशनल ट्रेड वेलफेयर बोर्ड की बैठक में प्रदेश की ओर से यह मांग उठाई गई। मिलावटखोरों पर सख्ती से कार्रवाई के साथ मंडी टैक्स की असमानता का मुद्दा भी केंद्र सरकार तक बोर्ड के जरिए पहुंचाया गया। केंद्र सरकार द्वारा गठित बोर्ड की बैठक गुरुवार को दिल्ली में हुई।

बोर्ड में प्रदेश से नियुक्त सदस्य अहिल्या चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने यह मांग रखी। बैठक में केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों के सचिव भी उपस्थित थे।

प्रदेश के व्यापारियों की ओर से पांच बिंदुओं का लिखित सुझाव भी बोर्ड के सामने प्रस्तुत किया गया। इसमें मांग रखी गई कि मिलावट के खिलाफ मौजूदा कानून फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 और रैग्युलेशन 2011 में फिलहाल विदेशी कानूनों की नकल दिखती है। इसे भारतीय परिवेश के अनुकुल पुन:परिभाषित किया जाना चाहिए। राज्यों में खाद्य नमूनों की जांच के लिए अधिसूचित प्रयोगशालाएं भी नहीं है।
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एकसमान हो मंडी टैक्स

इससे रिपोर्ट में देरी हो रही है। मिलावटखोरों बल मिलता है लिहाजा एक्रीडिटेट प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाने की जरुरत है। निजी क्षेत्र के सहयोग से प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जा सकती है। प्रदेश ने आयातित दलहन पर लगाए जा रहे मंडी टैक्स और दोहरे टैक्स पर भी आवाज उठाई। सभी राज्यों में मंडी टैक्स एक समान होना चाहिए।

जीएसटी को लेकर सुझाओं की फेहरिस्त केंद्रीय अधिकारियों के सामने रखी गई। सदस्यों ने कहा कि जीएसटी में न तो अभी तक रिटर्न में त्रुटी सुधार की सुविधा मिली है ना ही आइटीसी मिसमैच की विसंगतियां दूर हुई है। इस कर कानून में अब तक हजारों संशोधन हो चुके हैं।

बेहतर है कि जीएसटी की नियमावली को पुन: प्रकाशित किया जाना चाहिए। जीएसटी के पत्र आम हिंदी भाषा में जारी हो। साथ ही साथ इसमें व्यापारियों से ज्यादा ब्याज वसूल कर उन्हें कम ब्याज रिफंड पर देने की प्रवृत्ति भी समाप्त होना चाहिए।

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    : पिछले करीब 15 सालों से नईदुनिया अखबार के लिए खेल की रिपोर्टिंग की है। क्रिकेट विश्व कप, डेविस कप टेनिस सहित कई प्रमुख मौकों पर विशेष भूमिका में रहा। विभिन्न खेलों की कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट कव


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