Food causing piles: बवासीर एक ऐसा रोग है जिसमें किडनी और रेक्टम की नसों में सूजन आ जाती है और खून निकलने लगता है. इसे पाइल्स और हेमोरॉयड्स भी कहा जाता है. बवासीर (piles symptoms) आंतरिक और बाहरी दोनों प्रकार की हो सकती हैं. आंतरिक बवासीर (bawaseer ke lakshan) किडनी के अंदर होती हैं और आमतौर पर दर्द नहीं करती हैं. बाहरी बवासीर किडनी के बाहर होती हैं और दर्द, खुजली और जलन का कारण बन सकती हैं.
बवासीर के पीछे सबसे मुख्य कारण कब्ज (constipation) होता है. अगर आप बार-बार कब्ज की समस्या से जूझते हैं तो तुरंत इलाज करवाएं, वरना आपको बवासीर हो जाएगा. आज हम आपको बताएंगे कि कौन-कौन सी खाने वाली चीजों से कब्ज की समस्या होता है, जो आगे चलकर बवासीर का रूप ले सकते हैं.
फास्ट फूड (fast food)
ज्यादा फास्ट फूड खाने वाले लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या हो जाती है. इनमें फाइबर की मात्रा कम और फैट ज्यादा होता है. अगर आप अधिक फास्ट फूड खाते हैं तो बवासीर रोग होने का खतरा रहता है. फास्ट फूड की जगह आप घर पर बना खाना खाएं, जिसमें हरी सब्जियों, फल आदि शामिल हो.
डेयरी प्रोडक्ट्स (dairy products)
कुछ लोगों में गाय का दूध या इससे बने डेयरी प्रोडक्ट्स कब्ज व बवासीर रोग का कारण बन सकते हैं. गाय के दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन कब्ज की समस्या को जन्म दे सकता है. कई रिसर्च में भी यह बात सिद्ध हो चुकी है. इसलिए, गाय के दूध की जगह आप सोय मिल्क का डाइट में शामिल कर सकते हैं.
ग्लूटेन फूड
गेहूं और जौ जैसे अनाजों में ग्लूटेन (एक प्रकार का प्रोटीन) पाया जाता है, जो कब्ज और फिर बवासीर का कारण सकते हैं. ग्लूटेन कुछ लोगों में ऑटोइम्यून बीमारी पैदा कर देता है और इम्यून सिस्टम पाचन को डैमेज कर देता है.
लाल मांस (red meat)
लाल मांस भी बवासीन का कारण बन सकता है. इसमें ना के बराबर फाइबर होता है और फैट बहुत ज्यादा होता है. इसकी वजन से ये आसानी से पचा नहीं पाता. बवासीर के मरीजों और कब्ज की समस्या से पीड़ित लोगों को लाल मांस का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.