गांधी स्टेडियम का गेट । संवाद
पीलीभीत। गांधी स्टेडियम जल्द ही नए स्वरूप में नजर आएगा। यहां क्रिकेट के खिलाड़ियों के लिए पिच बनेगी। बॉस्केटबॉल का नया कोर्ट बनेगा। प्रशासनिक और क्रीड़ा भवन का कायाकल्प होगा। टहलने आने वालों के लिए पाथ-वे तैयार किया जाएगा। शासन ने छह करोड़ से होने वाले प्रस्तावित कार्यों को मंजूरी देते हुए कार्यदायी संस्था भी नामित कर दी है।
गांधी स्टेडियम में सुबह-शाम काफी लोग खेलने और टहलने के लिए पहुंचते हैं। हॉकी, एथलेक्टिस, फुटबाल, क्रिकेट, बैंडमिंटन, कबड्डी आदि हर छोटी-बड़ी प्रतियोगिताएं यहां होती रहती हैं। कई खिलाड़ी अपने-अपने खेलों की प्रैक्टिस करने आते हैं। मौजूदा समय में स्टेडियम में 250 खिलाड़ी रोजाना प्रैक्टिस करने आ रहे हैं।
छह माह पहले गन्ना राज्यमंत्री संजय गंगवार के माध्यम से स्टेडियम की हालत सुधारने के लिए प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा गया था। इसके तहत स्टेडियम के मैदान में क्रिकेट पिच का निर्माण, पाथ-वे का निर्माण, सुरक्षा गार्ड के लिए कक्ष बनाए जाने समेत कई कामों के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। छह करोड़ रुपये से ये काम होने हैं। अब शासन ने प्रस्तावित कार्य को मंजूरी देते हुए कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड को नामित कर दिया है। अब बस बजट का इंतजार है। बजट आते ही कार्य शुरू करा दिए जाएंगे।
प्रशासनिक भवन की भी बदलेगी तस्वीर
गांधी स्टेडियम के बहुउद्देशीय क्रीड़ा हाल एवं प्रशासनिक भवन की पूरी तस्वीर बदल जाएगी। दोनों कार्यों का नवीनीकरण किया जाना है। इसके अलावा स्टेडियम की चहारदीवारी की रंगाई-पुताई का कार्य भी कराया जाएगा। काफी समय से इसकी पुताई नहीं हुई थी।
बाउंड्री के किनारे-किनारे बनेगा पाथ-वे
गांधी स्टेडियम में पैदल टहलने वालों की संख्या काफी है। सुबह करीब 100-150 लोग यहां टहलने के लिए जाते हैं। यहां पाथ-वे तो है, लेकिन मैदान में है। ऐसे में टहलने वालों को दिक्कत होती हैं। साथ ही खिलाडि़यों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब नया पाथ-वे बनाया जाएगा। यह पाथ वे बाउंड्री के किनारे-किनारे बनाया जाएगा ताकि टहलने और खेलने वालों को कोई दिक्कत न हो।
गार्ड कक्ष में सुरक्षाकर्मियों का रहेगा सुरक्षित ठिकाना
गांधी स्टेडियम में गार्ड कक्ष नहीं है। इसकी वजह से उनको काफी दिक्कतें होती हैं। स्टेडियम में गार्ड यानी सुरक्षाकर्मियों की शिफ्टों में ड्यूटी रहती है। गार्ड कक्ष बनने से उनके बैठने की परेशानी नहीं होगी। अब तक गार्ड खुले में गेट के पास स्टूल या कुर्सी डालकर बैठे रहते हैं।
गांधी स्टेडियम में होने वाले विकास कार्यों की स्वीकृत मिल गई है। करीब छह करोड़ के बजट में कार्य होना है। शासनस्तर से कार्यदायी संस्था भी नामित कर दी गई है। अब केवल बजट जारी होना है।
-राजकुमार, जिला क्रीड़ाधिकारी
गांधी स्टेडियम का गेट । संवाद