तमिलनाडु के कोच सुलक्षण कुलकर्णी ने अपनी टीम और कप्तान आर साई किशोर के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। दरअसल, तमिलनाडु की टीम को रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में मुंबई के खिलाफ पारी और 70 रन से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। कप्तान आर साई किशोर ने अब तक तमिलनाडु को अंतिम चार तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई थी, लेकिन मुंबई के खिलाफ तेज गेंदबाजी विकेट पर पहले बल्लेबाजी करने का उनका फैसला गलत साबित हुआ। आर अश्विन और सौराष्ट्र के जयदेव उनादकट समेत कई खिलाड़ियों ने इसको लेकर अब तक प्रतिक्रियाएं दी हैं और कहा कि साई किशोर का फैसला आश्चर्यजनक था। साई किशोर की टीम ने सीमिंग विकेट पर पहले बल्लेबाजी की और पहले दिन के पहले सत्र में ही उनका स्कोर पांच विकेट गंवाकर 42 रन था।
तमिलनाडु की खराब बल्लेबाजी
तमिलनाडु की टीम पहली पारी में 146 रन और दूसरी पारी में 162 रन बना सकी। वहीं, मुंबई ने अपनी पहली पारी में 378 रन बनाए थे। शार्दुल ठाकुर ने 109 रन और तनुष कोटियान ने 89 रन की पारी खेली थी। मुंबई की टीम रणजी ट्रॉफी के फाइनल में 48वीं बार पहुंची है। तमिलनाडु के कोच कुलकर्णी ने मैच के बाद मीडिया से कहा- जिस क्षण मैंने विकेट देखा तो मुझे पता था कि हमें क्या मिलने वाला है। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने देखा कि क्वार्टर फाइनल में अलग पिच थी और इस मैच में क्यूरेटर ने क्या विकेट दिया तो उसी क्षण मुझे अहसास हुआ कि यह तेज गेंदबाजी के अनुकूल विकेट है और यह काफी कड़ा मैच होने वाला है। हमें इस मैच को जीतने के लिए अच्छा खेलना होगा।’
कोच ने कहा- टॉस के वक्त ही हार गए थे
उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा सीधी बात करता हूं। हम पहले दिन सुबह नौ बजे (टॉस के वक्त) मैच हार गए थे। सब कुछ तय था, हमने टॉस जीता, एक कोच के रूप में, एक मुंबईकर के रूप में, मैं परिस्थितियों को अच्छी तरह से जानता हूं। हमें गेंदबाजी करनी चाहिए थी, लेकिन कप्तान का नजरिया कुछ अलग था। अंत में वह टीम के मालिक हैं, उनका फैसला ही सर्वोपति है। मैं अपनी प्रतिक्रिया दे सकता हूं और इनपुट दे सकता हूं कि किस तरह का विकेट है और मुंबई की मानसिकता भी कि वह क्या कर सकते हैं। जब हमारा स्कोर 106/7 था, उससे पहले, मुझे मैच से पहले पता था कि यह (मुंबई का फाइटबैक) हो सकता है।
‘मुंबई के पास सर्वश्रेष्ठ निचले क्रम की बल्लेबाजी’
कुलकर्णी ने कहा कि मुंबई के पास भारत में सर्वश्रेष्ठ निचले क्रम की बल्लेबाजी है। कुलकर्णी ने कहा, ‘वे नौवें, 10वें पर बल्लेबाजी में भारत में सर्वश्रेष्ठ हैं। मैंने ड्रेसिंग रूम में कहा था कि उनकी बल्लेबाजी नंबर छह के बाद शुरू होगी। मैं घोड़े को पानी में ले जा सकता हूं, पीना तो आखिरकार घोड़े को ही है।’ कुलकर्णी ने कहा कि तमिलनाडु को टॉस के दोनों परिणाम आने पर क्या करना है, यह पहले से तय था और हमने उसी अनुसार योजना तैयार कर रखी थी। उन्होंने कहा, ‘हम मानसिक रूप से तैयार थे कि जो भी टॉस जीतेगा वह पहले गेंदबाजी करेगा। हमें पता था कि अगर हम टॉस जीते तो पहले गेंदबाजी करेंगे। जिस क्षण साई किशोर ने टॉस जीतकर (टीवी प्रसारण) कहा कि हम पहले बल्लेबाजी करेंगे, मुझे पता नहीं क्यों अंदेशा हो गया था। आप जो भी कह लें, बल्लेबाजों के दिमाग में पहले आधे घंटे में पिच को लेकर संशय रहता है। वैसा ही हुआ भी, मैच से पहले का आधा घंटा बल्लेबाजों को समझ नहीं आया।’
साई किशोर ने सेमीफाइनल तक शानदार फैसले लिए
उन्होंने कहा, ‘जब आप पहले ओवर में विकेट गंवा देते हैं और आपका अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आउट हो जाता है और आप स्थिति को देखते हो… पहले घंटे में हम खेल हार गए। भले ही मुंबई का स्कोर एक वक्त सात विकेट पर 107 रन था, लेकिन तमिलनाडु के लिए वापसी करना मुश्किल था। कुलकर्णी ने कहा कि तमिलनाडु के कप्तान साई किशोर के फैसले ने दोनों तरह से काम किया है। कुलकर्णी ने कहा- फिर से अंतरआत्मा का फैसला, उस आंतरिक आवाज ने एक बड़ी भूमिका निभाई है। सकारात्मक तरीके से कहें तो अंतरात्मा की आवाज ने सेमीफाइनल में पहुंचने में मदद की है।