मध्य प्रदेश के गुना में जनसुनवाई योजना महज औपचरिकता बनकर रह गई है. सैकड़ों किलोमीटर दूर से मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचने वाले आवेदकों की सुनवाई करने की जगह अधिकारी मोबाइल पर Reels देखने में व्यस्त हैं. तस्वीरों में खुद देखा जा सकता है कि अधिकारियों को आवेदकों से ज्यादा Reels पसंद हैं. Reels का प्रेम सरकारी तंत्र का मनोरंजन बना हुआ है.
जनसुनवाई में प्रधानमंत्री आवास, बीपीएल कार्ड, जमीनी विवाद को लेकर आवेदन प्रस्तुत किए जाते हैं. आवेदकों का कहना है कि जनसुनवाई में कई बार आवेदन दिया. लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है. अधिकारी जनसुनवाई में समस्याओं पर ध्यान नहीं देते. केवल औपचारिकता बनकर रह गई है.
गुना में जनसुनवाई लगातार विवादों के घेरे में है. कुछ दिन पहले जनसुनवाई अखाड़े में तब्दील हो गई थी. जहां दो महिलाओं के बीच हुआ विवाद खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया था.
जनसुनवाई में कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस आवेदकों को खुद सुनते हैं. लेकिन उनके अधीनस्थ कर्मचारी अधिकारी केवल औपचारिकताएं निभा रहे हैं.