Iआईडीपीएल में हफ्ते में दो दिन लगता है हाट बाजार, खुले में काटे जाते हैं चिकन और मटन
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Iखाद्य सुरक्षा विभाग की अनदेखी, लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़I
आईडीपीएल हाट बाजार में खाद्य सुरक्षा मानकों की अनदेखी हो रही है। हफ्ते में दो दिन लगने वाले बाजार में मीट-मांस का बिना लाइसेंस कारोबार चल रहा है। स्लाटर हाउस नहीं खुले में मांस काटा जा रहा है। जबकि मुर्गे गंदगी के बीच काटे जा रहे हैं। लोगों का आरोप है कि विक्रेता बासी कटा मीट-किचन बेचते हैं। लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग इस ओर कार्रवाई करने को तैयार नहीं है।
खाद्य सुरक्षा विभाग होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट और अन्य दुकानों पर खानापूर्ति के लिए छापामारी कर सैंपल भरते हैं। लेकिन हाट बाजार में विभागीय टीम सैंपलिंग करना तो दूर कभी चेकिंग के लिए नहीं जाती है। आईडीपीएल में सप्ताह में बृहस्पतिवार और रविवार को हाट बाजार लगता है। बाजार में मीट-मांस की करीब 15 दुकानें लगती हैं। नियमानुसार मांस विक्रेताओं को खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से फूड लाइसेंस जारी होता है। स्लाटर हाउस में पशु काटने से पहले उसकी चिकित्सीय जांच की जाती है। इसके बाद उस पर मोहर लगती है। लेकिन हाट बाजार में खुले में बिना चिकित्सीय जांच और लाइसेंस के मांस काटा जा रहा है।
मुर्गें की दुकानों पर गंदगी रहती है। खुले मांस के ऊपर मक्खी-मच्छर मंडराते हैं। अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष और संस्थापक राजे नेगी ने बताया कि हाट बाजार में मानकों के अनुरूप मांस का विक्रय होना चाहिए। इस पर नियंत्रण लगाने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग को समय समय पर इस ओर छापेमारी अभियान चलाकर इस ओर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
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Iमामला संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो विभाग की ओर से जल्द ही चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। मानकों की अनदेखी करने वाले व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – संतोष सिन्हा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी ऋषिकेशI