SA vs NED: टी20 से बेस्ट है वनडे? वापसी का मिलता है मौका; दक्षिण अफ्रीका की हार के बाद बहस तेज


ODIs and T20Is Comparison: वर्ल्ड कप 2023 में बीती रात (17 अक्टूबर) हुए उलटफेर के बाद एक बहस तेज हो गई है. यह बहस वनडे और टी20 क्रिकेट की तुलना से जुड़ी हुई है. सोशल मीडिया पर कुछ क्रिकेट फैंस और एक्सपर्ट्स टी20 क्रिकेट को बेस्ट बता रहे हैं तो कुछ का मानना है कि वनडे क्रिकेट आज भी टी20 के मुकाबले ज्यादा बेहतर है.

दरअसल, पिछले कुछ टी20 वर्ल्ड कप में छोटी-छोटी टीमों ने कई उलटफेर किए थे. इसके बाद टी20 क्रिकेट को वनडे के मुकाबले ज्यादा रोमांचक माना जाने लगा था. क्रिकेट के इस सबसे छोटे फॉर्मेट में गलतियों के बाद संभलने का मौका कम ही मिलता है. ऐसे में कई बार बड़ी टीमें गच्चा खा जाती हैं. लेकिन वर्ल्ड कप 2023 में पिछले तीन दिनों में जिस तरह से दो बड़े उलटफेर हुए हैं, उससे वनडे क्रिकेट की श्रेष्ठता एक बार फिर से साबित होते नजर आ रही है. वनडे क्रिकेट को किन मायनों में टी20 से बेस्ट माना जा रहा है? जानें क्या है सोशल मीडिया पर फैंस की राय..

  • टी20 मुकाबलों की तुलना में वनडे क्रिकेट में हमेशा ज्यादा बेहतर टीम को ही जीत मिलती है. ऐसा इसलिए क्योंकि 50 ओवरों के खेल में क्रिकेट के हर विभाग की अच्छे से परीक्षा होती है. इसके उलट टी20 में कम ओवर्स का खेले होने के कारण एकाध विभाग में बेहतर प्रदर्शन भी टीम को मुकाबले जीता देता है.
  • वनडे क्रिकेट में टीम गेम ही जीत का आधार रखता है. अकेले दम पर यहां कम ही मुकाबलों में जीत देखने को मिलती है. वहीं, टी20 क्रिकेट में इक्का-दुक्का परफॉर्मेंस भी मैच में जीत दिला देती है.
  • टी20 क्रिकेट में अगर एक-दो गलतियां हो जाती हैं तो फिर वापसी का मौका कम ही मिलता है. उधर, वनडे क्रिकेट में हमेशा वापसी के मौके होते हैं. बीती रात हुए मुकाबले में नीदरलैंड्स ने 82 रन पर 5 विकेट गंवा दिए थे लेकिन इसके बाद उन्होंने 245 रन का कुल स्कोर खड़ा कर दिया.
  • टी20 क्रिकेट में ज्यादातर समय बल्लेबाजों का लक्ष्य गेंद को बाउंड्री के बाहर भेजने का ही होता है, जबकि वनडे में बल्लेबाज परिस्थिति के हिसाब से खेलता है. यानी कभी उसे धीमे-धीमे पारी को आगे बढ़ाना पड़ता है तो कभी तेज तर्रार बैटिंग भी करनी होती है.
  • वनडे क्रिकेट में टी20 क्रिकेट के मुकाबले ज्यादा बेहतर प्लानिंग की भी जरूरत होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि टी20 में मौके पर फैसले ज्यादा होते हैं, जबकि वनडे में कोच, कप्तान और खिलाड़ियों को पूरे 50-50 ओवर के लिए पहले से ही खूब दिमाग खपाना पड़ता है. दक्षिण अफ्रीका और नीदरलैंड्स के मुकाबले में भी यह नजर आया था. नीदरलैंड्स के खिलाड़ी हर प्रोटियाज बल्लेबाज के लिए पर्चियों के हिसाब से बॉलिंग और फील्डिंग सेट कर रहे थे.

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