उस्का वन देवी मंदिर के पास चिह्नित की गई जमीन। संवाद
-नगर पालिका ने 22 करोड़ प्रस्ताव बनाकर छह महीने पहले शासन को भेजा था
– जमीन भी चिह्नित किया गया था, बच्चों को मनोरजंन के लिए करना होगा इंतजार
संतकबीरनगर। वाटर पार्क और चिड़ियाघर निर्माण की योजना अधर में अटक गई है। छह महीने पहले नगर पालिका ने 22 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। लेकिन इस प्रस्ताव को अभी तक मंजूरी नहीं मिल सकी है। पालिका प्रशासन ने इसके लिए जमीन भी चिह्नित कर लिया था। जिला प्रशासन का दावा है कि इसके लिए गंभीरता से प्रयास शुरू किया जाएगा। तब तक बच्चों और युवाओं को मनोरंजन के लिए इंतजार करना होगा।
नगर पालिका प्रशासन ने उस्का के पास स्थित वन देवी मंदिर के पास वाटर पार्क और चिड़ियाघर बनाने के लिए जमीन चिह्नित की है। इस जमीन पर निर्माण कराने के लिए पालिका ने चिड़ियाघर के लिए 20 करोड़ और वॉटर पार्क के लिए 2 करोड़ रुपये लागत का प्रस्ताव शासन को भेजा है। पालिका प्रशासन की मंशा है कि गोरखपुर और लखनऊ की तरह संतकबीरनगर के शहरी इलाके में बच्चों व युवाओं के लिए मनोरंजन के साथ ज्ञानवर्धन का साधन उपलब्ध कराया जाए। चिड़ियाघर के लिए पर्यटन विभाग, धर्मार्थ कार्य विभाग और विकास विभाग से सहमति भी ली गई। नगर पालिका प्रशासन ने सभी की सहमति मिलने के बाद प्रस्ताव बनाकर छह महीने पहले शासन को भेजा था। लेकिन शासन स्तर पर पैरवी न होने के कारण मंजूरी नहीं मिल सकी।
पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
शहर के निवासी महेंद्र कुमार त्रिपाठी, अनिल कुमार ने बताया कि शहर में मनोरंजन के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में चिड़ियाघर व वाटर पार्क बनने से पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटकों के आने से आस-पास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों के रोजी का इंतजाम हो जाएगा। लोगों ने जल्द से जल्द इसकी मंजूरी कराकर कार्य शुरू कराने की उम्मीद जताई है।
उस्का स्थित वन देवी मंदिर के पास नगर पालिका की जमीन उपलब्ध है। यहां पर चिड़ियाघर व वाटर पार्क बनाए जाने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। इन दोनों के निर्माण में करीब 22 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। शासन स्तर से स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
जगत जायसवाल- चेयरमैन नगर पालिका खलीलाबाद
शहर में चिड़ियाघर व वाटर पार्क बनाने की योजना प्रस्तावित है। इसकी स्वीकृति के लिए शासन स्तर पर पैरवी की जाएगी। ताकि जल्द से जल्द बजट उपलब्ध हो और कार्य शुरू कराया जा सके।
महेंद्र सिंह तंवर- डीएम