समुद्र के नीचे बहुत ही ज्यादा प्रेशर होता है जिस कारण अगर गहराई को नापने के लिए भेजी गई कोई भी डिवाइस आसानी से फट सकती है. अब यहां सवाल यह उठता है कि आखिर गहराई को सटीक तरीके से फिर किस तरह से नापा जाता है? बता दें कि इस काम के लिए सोनार टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है.