South Africa Cricket History: 32 साल बाद अजब संयोग… जहां मिला था ‘नया जीवन’ अब वहीं झंडा बुलंद करेगी अफ्रीकी टीम


South Africa Cricket History: भारत की मेजबानी में खेले जा रहे वनडे वर्ल्ड कप 2023 में साउथ अफ्रीकी टीम जबरदस्त फॉर्म में है. उसने सेमीफाइनल में भी एंट्री कर ली है. साउथ अफ्रीकी टीम का सेमीफाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होना है. यह महामुकाबला 16 नवंबर को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला जाएगा.

इसी के साथ साउथ अफ्रीकी टीम के साथ एक गजब का संयोग भी बन गया है. हो सकता है कि यह संयोग उसे चैम्पियन भी बना दे. बता दें कि कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान से साउथ अफ्रीका की बेहद खास यादें जुड़ी हुई हैं. 

10 नवंबर अफ्रीकी टीम के लिए बेहद खास दिन

दरअसल, 32 साल पहले आज ही के दिन (10 नवंबर) वर्ल्ड क्रिकेट इतिहास का बड़ा भावुक दिन साबित हुआ था. 21 साल तक वर्ल्ड क्रिकेट से साउथ अफ्रीकी टीम को अलग रखा था. रंगभेद नीति के कारण दुनिया ने इस साउथ अफ्रीकी देश से दूरी बना ली थी. मगर 1991 में साउथ अफ्रीकी टीम की वापसी हुई और उसने 10 नवंबर को ही अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला था.

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सबसे बड़ी बात यह रही थी कि अफ्रीकी टीम को यह ‘नया जीवन’ भारत की धरती पर ही मिला. इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) से जुड़ने के 4 महीने के अंदर साउथ अफ्रीका की टीम भारत दौरे पर आई थी. वापसी के बाद उसने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला था. हालांकि वह मुकाबला भारत ने 3 विकेट से जीता था.

ईडन गार्डन्स पर द. अफ्रीकी टीम (फाइल)

अपने पहले ही मैच में तेज गेंदबाज एलन डोनाल्ड ने अपनी छाप छोड़ी थी. उन्होंने 29 रन देकर 5 विकेट झटके थे. डोनाल्ड और सचिन तेंदुलकर (62 रन, 1 विकेट) उस मैच में संयुक्त रूप से ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुने गए थे. उस अफ्रीकी टीम के कप्तान क्लाइव राइस थे. हालांकि आज वे इस दुनिया में नहीं हैं. 66 साल की उम्र में 28 जुलाई 2015 को उनका निधन हो गया.

इस कारण अफ्रीकी टीम पर लगा था प्रतिबंध

दरअसल, साउथ अफ्रीका सरकार ने कुछ ऐसे नियम बनाए थे, जिसने ICC को असमंजस में डाल दिया था. सरकार के नियमों के मुताबिक उनकी देश की टीम को श्वेत देशों (इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) के खिलाफ ही खेलने की अनुमति थी. यह भी शर्त थी कि विपक्षी टीम में श्वेत खिलाड़ी ही खेलेंगे.

इसी कारण ICC ने साउथ अफ्रीकी क्रिकेट टीम को निलंबित कर दिया, जिससे अफ्रीकी खिलाड़ियों का भविष्य खतरे में पड़ गया था. वहां के कई क्रिकेटर्स का करियर इस इंतजार में खत्म हो गया कि साउथ अफ्रीकी टीम की इंटरनेशनल क्रिकेट में कब वापसी होगी. आखिरकार 21 साल बाद वह दिन आया, जब साउथ अफ्रीका में बदलाव आया और वहां रंगभेद की नीति को खत्म किया गया.

पहली बार वर्ल्ड कप खिताब जीतने का मौका

साउथ अफ्रीका के लिए ऐसे में यह बेहद ही खास दिन है. साथ ही उसे इस बार अपना सेमीफाइनल भी उसी मैदान पर खेलना है, जहां उसे नया जीवन मिला था. ऐसे में इस बार टीम की कप्तानी संभाल रहे टेम्बा बावुमा इस मौके को गंवाना नहीं चाहेंगे. वो अपनी टीम को पहला वर्ल्ड कप खिताब जीतने की पूरी कोशिश करेंगे. हालांकि सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की चुनौती आसान नहीं होने वाली है.


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