सुल्तानपुर। चिकित्सक हत्याकांड के मुख्य आरोपी 50 हजार के फरार इनामी अजय नारायन पर पुलिस का शिकंजा कसने लगा है। बदमाश हत्या के बाद जिस कार से फरार हुआ था, वह टोयटा कार पुलिस ने सोनभद्र जिले से बरामद कर ली है। पुलिस ने उसके बैंक खाते भी सीज कर दिए हैं और सारे वित्तीय लेनदेन की जांच भी कराई जा रही है।
एसटीएफ और पुलिस टीम ने चिकित्सक हत्याकांड के मुख्य आरोपी को चारों ओर से घेरना शुरू कर दिया है। जिस कार से वह फरार हुआ था, उसे सोनभद्र जिले से बरामद कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने बताया कि फरार अजय के खाते में 22 लाख रुपये हैं, सभी खाते सीज कर दिए गए हैं। अब इससे किसी तरह का लेनदेन नहीं हो सकता है। इसके अलावा वह किससे और किस तरह के वित्तीय लेनदेन करता था, यह सारी जांच भी करवाई जा रही है।
इसके अलावा उसके जमीन संबंधी धोखाधड़ी या जबर्दस्ती वाले मामलों में भी जितनी शिकायतें हैं, उनकी तफ्तीश हो रही है। रजिस्ट्री कार्यालय से भी जांच कराई जा रही है। अजय के गैंग में जो लोग प्रापर्टी या आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहते थे, उनकी भी पुलिस छानबीन कर रही है और उनके खिलाफ भी जल्द ही कार्रवाई करने की तैयारी है।
डीएम ने राजस्व कर्मियों की भी शुरू कराई जांच
प्रशासन भी अब राजस्व विभाग की उन काली भेड़ों की तलाश में जुट गया है जिन्होंने सिराज अहमद और अजय नारायन जैसे बदमाशों को पनपने में मदद की है। जमीन के घालमेल में शामिल ऐसे कर्मचारियों पर जल्द ही गाज गिरने वाली है। सबसे पहले नारायनपुर व उससे सटे इलाकों में तैनात राजस्वकर्मियों की जांच हो रही है। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने बताया कि जांच के परिणाम सामने आते ही कार्रवाई की जाएगी। नारायनपुर में स्कूल की जमीन के भूमिधरी पाए जाने पर उन्होंने कहा कि अभी इस मामले की गहराई से पड़ताल करवाई जा रही है। यह अंतिम परिणाम नहीं है।
लेखपाल की संपत्ति का ब्योरा नहीं दे रहा तहसील प्रशासन
शहर में तैनात लेखपालों की संपत्ति जिस तरह आश्चर्यजनक तौर पर बढ़ी है, उसे देखते हुए आरटीआई एक्टीविस्ट रामानंद मिश्र ने सदर तहसील से शहर में तैनात एक लेखपाल की संपत्ति का ब्योरा मांगा था। किंतु चार महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी उन्हें यह सूचना नहीं दी जा रही है। आरटीआई एक्टीविस्ट का कहना है कि भ्रष्टाचार को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है। मजे की बात यह है कि लेखपालों का प्रमोशन हो गया है किंतु जिले के लेखपालों में से शायद ही किसी ने अभी तक नियमानुसार अपनी संपत्ति का ब्योरा विभाग को दिया हो।
व्यापारी पीड़ित परिवार के साथ : रविंद्र
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री रवींद्र त्रिपाठी ने चिकित्सक हत्याकांड की निंदा की है। उन्होंने कहा कि वे इस समय जिले से बाहर हैं और डीएम-एसपी से इस मामले में कठोर कार्रवाई के लिए वार्ता की है। डॉ. घनश्याम तिवारी के भाई राधा कृष्ण उनके सहपाठी रहे हैं। इसलिए वे व्यक्तिगत रूप से और व्यापारी समाज पीड़ित परिवार के साथ है।