भारत न्यू कार असिस्मेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) को बीते 22 अगस्त को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने लॉन्च किया था. ये भारत का अपना क्रैश टेस्ट सेफ्टी प्रोग्राम है, जिसके तहत वाहनों का परीक्षण किया जाएगा. अब भारत में बनने वाली कारों की टेस्टिंग इंडिया में ही होगी और क्रैश टेस्ट के लिए कंपनियों को अपने कार के नमूनों को विदेश भेजने की जरूरत नहीं होगी. ये नया नियम बीते 1 अक्टूबर 2023 से प्रभावी हुआ है और पहले बैच के टेस्टिंग की तैयारी भी पूरी हो चुकी हैं.
रिपोर्ट़्स के अनुसार, पहले बैच में वाहनों का क्रैश टेस्ट आगामी 15 दिसंबर से शुरू किया जाएगा. त्योहारी सीजन इस क्रैश टेस्ट में देरी की वजह बताया जा रहा है. पहले बैच के लिए कुछ वाहनों को नॉमिनेट भी किया गया है. इस परीक्षण के बाद वाहनों पर एक स्पेशल स्टीकर लगाया जाएगा, जिस पर उनके परफॉर्मेंस के आधार पर स्टार रेटिंग मिलेगी साथ ही प्वाइंट्स को भी दर्शाया जाएगा.
क्या है Bharat NCAP:
वाहन निर्माता अपने वाहनों को परीक्षण के आधार पर सेफ्टी रेटिंग देंगे, जिससे कार खरीदारों को वाहन चुनने में आसानी होगी. इसके लिए नया लोगो और स्टीकर भी जारी किया गया है, जो कि अब इंडियन कार्स पर देखने को मिलेगा. यह देश में निर्मित या आयातित 3.5 टन से कम वजन वाले ‘M1’ श्रेणी के अनुमोदित मोटर वाहनों पर लागू होगा. M1 श्रेणी के मोटर वाहनों का उपयोग यात्रियों के आवागमन के लिये किया जाता है, जिसमें अधिकतम चालक की सीट के अलावा आठ सीटें होती हैं. Bharat NCAP क्रैश टेस्ट के लिए अब तक 30 कारों के क्रैश टेस्ट की रिक्वेस्ट भी मिल चुकी है.
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BNCAP रेटिंग स्वैच्छिक प्रक्रिया है, शुरुआत में, वाहन निर्माताओं को अपने वाहनों के क्रैश-टेस्ट के लिए सेंपल भेजने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. ताकि एजेंसी उन वाहनों का टेस्ट कर सके और फिर रेटिंग दी जा सके. इसके अलावा एजेंसी सीधे शोरूम से भी वाहन उठा सकती है और उनका क्रैश टेस्ट करने के लिए स्वतंत्र होगी. नई नीति से स्थानीय वाहन निर्माताओं को भी लाभ होगा क्योंकि उन्हें अब परीक्षण और स्टार ग्रेडिंग के लिए अपने नमूने विदेश नहीं भेजना पड़ेगा, जो एक महंगी प्रक्रिया है. ये एजेंसी CNG और इलेक्ट्रिक कारों का भी परीक्षण करेगी.
इन कारों की होगी पहले टेस्टिंग:
हालांकि अभी क्रैश टेस्ट होने वाले वाहनों की लिस्ट जारी नहीं की गई है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो टाटा मोटर्स पहली कंपनी है जिसने क्रैश टेस्ट के लिए नॉमिनेशन फाइल किया था. टाटा की हाल ही में लॉन्च हुई टाटा सफारी और हैरियर फेसलिफ्ट इस टेस्ट में शामिल होने वाली पहली वाहन हो सकती है. इन दोनों एसयूवी का ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट किया जा चुका है, जिसमें इन्हें 5-स्टार रेटिंग मिली है. इसके अलावा मारुति सुजुकी, हुंडई और महिंद्रा एंड महिंद्रा भी अपने वाहनों को इस क्रैश टेस्ट के लिए भेजेंगे.
वहीं यूरोपियन कार निर्माताओं की बात करें तो स्कोडा, फॉक्सवैगन और रेनो इत्यादि अभी अपने वाहनों को नॉमिनेट करने का फैसला नहीं कर सके हैं. स्कोडा और फॉक्सवैगन की कुछ कारों को ग्लोबल NCAP में 5-स्टार रेटिंग मिली है. ऐसा माना जा रहा है कि, हुंडई की हालिया लॉन्च Hyundai Exter भी जल्द ही भारत NCAP क्रैश टेस्ट में हिस्सा लेगी. इसके अलावा Maruti Jimny के भी क्रैश टेस्ट का लोगों को इंतजार है.