केसीआर
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तेलंगाना में इस साल विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव आयोग ने इसकी तारीखों की भी घोषणा कर दी है। इससे पहले राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीआरएस ने अपने चुनाव निशान कार से मिलते-जुलते प्रतीकों को हटाने की अपनी मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बीआरएस नेता रावुला श्रीधर रेड्डी ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि वे अपनी मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे हैं।
क्या बोले बीआरएस नेता रावुला श्रीधर रेड्डी?
बीआरएस नेता रावुला श्रीधर रेड्डी ने कहा कि हमने चुनाव आयोग को कुछ प्रतीकों को शामिल न करने का निर्देश देने के हमारे अनुरोध पर विचार करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ये प्रतीक बीआरएस पार्टी के चुनाव चिह्न ‘कार’ से मिलते-जुलते हैं। उन्होंने कहा कि जब वोटर वोट करने के लिए ईवीएम पर जाते हैं, तो वहां कुछ चिह्न जैसे रोड रोलर, चपाती मेकर, कैमरा आदि कार की तरह ही होते हैं। ऐसे में कई बार लोग बीआरएस को वोट देना चाहते हैं, लेकिन सही प्रतीकों की पहचान न कर पाने के कारण वे लोग दूसरे निशान पर मतदान कर सकते हैं।
चुनाव आयोग के पास भी पहुंचा था बीआरएस का प्रतिनिधिमंडल
गौरतलब है कि इससे पहले केसीआर की पार्टी ने चुनाव आयोग में भी अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। बीआरएस का प्रतिनिधिमंडल ने 27 सितंबर को अपनी मांग को लेकर चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा था। बीआरएस पार्टी के कार चुनाव चिन्ह से मिलता-जुलता रोड रोलर चुनाव चिन्ह दूसरी पार्टी को दिये जाने पर प्रतिनिधिमंडल ने न केवल अपना विरोध जताया था बल्कि चुनाव आयोग से तत्काल समाधान का आग्रह भी किया था।