Udham Singh Nagar News: जंक फूड से बचें, नहीं तो बन सकते हैं न्यूरो सिस्टी सरकोसिस, टयूबर क्लोमा के रोगी


रुद्रपुर। बच्चे हों या युवा सभी में जंक फूड का क्रेज बढ़ रहा है। जंक फूड के सेवन से बच्चे और युवा वर्ग गंभीर रोगों की चपेट में आ रहे हैं। जंक फूड व अधपके मीट का सेवन करने से लोगों में न्यूरो सिस्टी सरकोसिस व टयूबर क्लोमा (दिमागी टीबी) रोग का प्रकोप बढ़ रहा है। इन बीमारियों की मुख्य वजह कच्ची सब्जियाें का सेवन है।

डॉक्टर की मानें तो इन सब्जियों में सूक्ष्म कीड़े पाए जाते हैं। जो हमारे शरीर में अंडा देते हैं। उसका असर सीधे दिमाग पर पड़ता है। जिससे मरीज को दौरे पड़ने लगते हैं। लोग पका हुआ खाना खाने के बजाय जंक फूड एवं अधपके मीट का सेवन कर रहे हैं। इससे लोगों में न्यूरो सिस्टी सरकोसिस व दिमागी टीबी रोग पैर पसार रहे हैं। इस तरह की बीमारियों से बचने के लिए सभी को जागरूक होने की जरूरत है। बच्चे हों या युवा जंक फूड खाने से परहेज करें।

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-सरकोसिस व टयूबर क्लोमा के लक्षण

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-मोमो, चाऊमीन जैसे जंक फूड में खाई जाने वाली कच्ची सब्जियां।

-बिना धोये सब्जियों का सेवन करना।

-अधपके मीट का सेवन करना।

-मिर्गी का दौरा पड़ना।

-लगातार सिर दर्द होना।

-एकाग्रता में कमी आना।

-अंग फड़कना।

-हल्की बेहोशी।

-चक्कर आना व जी मिचलाना।

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-इनका रखें ख्याल

-कच्ची सब्जी का सेवन बिल्कुल न करें।

-पत्ता गोभी का इस्तेमाल कम करें।

-सब्जी को अच्छी तरह उबालकर पकाएं।

-बिना उबली सब्जी को पकाने से कीड़े जीवित रहते हैं।

-अनाज व दालों का अधिक प्रयोग करें।

-फलों को अच्छी तरह से धोकर खाएं।

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सप्ताह में मंगलवार व बृहस्पतिवार को होने वाली ओपीडी में न्यूरो सिस्टी सरकोसिस के एक से दो और टयूबर क्लोमा (दिमागी टीबी) के दो तीन मरीज देखने को मिल रहे हैं। लक्षण पर मिलने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। न्यूरो सिस्टी सरकोसिस रोग की पुष्टि होने पर नियमित इलाज कराएं। दिमागी टीबी के लिए इलाज का कोर्स पूरा करें। दवाई को समय पर न लेने से निष्प्रभावी हो जाती है। जिससे रोग ठीक नहीं हो पाता है। -डॉ. केदार सिंह शाही, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर।


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