पार्क के लिए अब इंदौर में तलाशी जा रही जमीन।
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उज्जैन में डलने वाले प्रदेश के पहले वंडरला एम्यूजमेंट पार्क का काम अब अधिकारियों की उदासीनता के चलते खटाई में पड़ गया है। भारत में मनोरंजन पार्क की सबसे बड़ी श्रृंखला के रूप में वंडरला एम्यूजमेंट पार्क के लिए उज्जैन उद्योग विभाग के अधिकारी जमीन चिन्हित नहीं करा सके, इसलिए अब यह पार्क इंदौर में डालने की कवायद चल रही है।
उज्जैन में महाकाल लोक देखने के लिए रोज लाखों लोग आ रहे हैं। लेकिन, अधिकांश श्रद्धालु और पर्यटक यहां रात में नहीं यहां रुकते है। इससे शहर को पर्यटक और श्रद्धालुओं का उतना लाभ नहीं मिल रहा है, जितना मिलना चाहिए। बाहर से आने वालों को यहां समय बिताने के लिए मनोरंजन मिले, इसके लिए कुछ समय पूर्व मनोरंजन पार्क बनाने की तैयारी शुरू की गई थी। उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया ने इसके लिए मनोरंजन पार्क की बड़ी श्रंखला वाली कंपनी वंडरला को प्रस्ताव दिया था।
सांसद के अनुसार, वंडरला प्रबंधन ने इसमें रुचि दिखाई थी और सांसद फिरोजिया ने उद्योग विकास निगम के अधिकारियों से इस संबंध में चर्चा कर जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए थे। इंदौर-उज्जैन मार्ग आगर रोड और शंकरपुर क्षेत्र के आसपास जमीन तलाशने के लिए प्रयास चल रहे थे। लेकिन, उद्योग विभाग के अधिकारियों और स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते अभियान प्रोजेक्ट खटाई में पढ़ता नजर आ रहा है। अब यह प्रोजेक्ट इंदौर में डलने की तैयारी है, जिसे लेकर उज्जैन सांसद ने आपत्ति जताई है।
एम्युजमेंट पार्क करीब 20 एकड़ भूमि में बनाया जाना था। अभी मप्र में एक भी एम्यूजमेंट पार्क नहीं है। दो दशक में मप्र में कई वाटर पार्क शुरू हुए हैं, लेकिन इमेजिका, एस्सल वर्ल्ड, वंडरला जैसे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक भी एम्यूजमेंट पार्क नहीं है। प्रदेशवासियों को यदि एम्यूजमेंट पार्क का आनंद लेना होता है तो उन्हें मुंबई, बैंगलुरू, आदि बड़े शहरों में जाना पड़ता है। उज्जैन के आसपास वंडरला एम्युजमेंट पार्क स्थापित होता तो प्रदेश और शहर के लिए मनोरंजन की बड़ी सुविधा मिलती, साथ ही वंडरला के लिए भी मप्र नया स्थान होता है।
अभी वंडरला के तीन एम्यूजमेंट पार्क, बैंगलुरू, कोच्चि और हैदराबाद में स्थापित हैं। उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया ने बताया कि अधिकारियों की उदासीनता के चलते प्रदेश का पहला मनोरंजन पार्क डालने का काम खटाई में पड़ गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से बात कर इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करूंगा। जिससे उज्जैन और प्रदेशवासियों को एक बड़ी सौगात मिल सके।