संवाद सूत्र, धारचूला। चीन सीमा तक जाने वाले तवाघाट-गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग पर लामारीर के निकट कोथला नामक स्थान पर अचानक पहाड़ दरकने से नाबी से धारचूला सवारी लेकर आ रहा बोलेरो कैंपर वाहन मलबे में दब गया। चालक सहित सात सवारियां मलबे में दब गई। देर सायं तक मलबा नहीं हट सका है।
रविवार सुबह नाबी से हरीश सिंह का वाहन बोलेरो कैंपर सवारियां लेकर धारचूला को रवाना हुआ। वाहन में रास्ते में सवारियां सवार होती रही। वाहन जब लामारी से आगे छंकनरे और थक्ती झरने के बीच कोथला नामक स्थान पर पहुंचा तो पहाड़ की तरफ से लगभग चालीस मीटर की लंबाई में चट्टानें दरक कर सीधे वाहन पर गिरी और वाहन विशाल बोल्डरों के मलबे में दब गया।
मौके पर पहुंचे एसएसबी के जवान
वाहन के आगे और पीछे से चल रहे वाहन चालकों ने हादसा होते ही इसकी सूचना तहसील मुख्यालय धारचूला को दी। सूचना मिलते ही कोतवाल केएस रावत पुलिस टीम के साथ मौके को रवाना हुई। निकट के एसएसबी कैंपों के जवान पहले ही मौके पर पहुंच गए।
लाेडर मशीनों से हटाया गया मलबा
सड़क का कार्य कर रही गर्ग एंड गर्ग कंपनी के मुलाजिमों सहित पांगला थाना, गुंजी थाने से पुलिस मौके पर पहुंची। स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य में जुटे परंतु वाहन के विशाल बोल्डरों से दबे होने के कारण मलबा हटाने के लिए दोनों तरफ से लोडर मशीनें लगाई गई।
देर सायं तक मलबा नहीं हटाया जा सका। सायं को मौके से मिली जानकारी के अनुसार एक तरफ से कुछ मलबा हटाने के बाद मांस के लोथड़े मिले। वहीं कचूमर हो चुके वाहन का कुछ हिस्सा मिला।
मलबे में अटकी सात जान
मौके के हालात देखते हुए वाहन में किसी के जिंदा होने के आसार नहीं हैं। बताया जा रहा है कि वाहन में नपलच्यु गांव निवासी एक ही परिवार के तीन बच्चे , बूंदी गांव निवासी एक पूर्व शिक्षक और उसकी पत्नी, रोंगकोंग में उरेडा परियोजना में कार्य करने वाला मजदूर और बलुवाकोट वाहन चालक शामिल हैं।
चर्चा वाहन में दो अन्य लोगों के भी होने की आशंका जताई जा रही है, परंतु पीछे से आ रहे वाहन चालकों के अनुसार अन्य दो सवारियां घटना से पहले वाहन से उतर चुकी थी। पुलिस द्वारा भी सात सवारियों की ही पुष्टि की जा रही है।
वाहन में नपलच्यु गांव निवासी एक ही परिवार के तीन बच्चे कोकिला नपलच्याल, कशिश नपलच्याल और नितिन नपलच्याल, बूंदी गांव निवासी एक वर्ष पूर्व सेवानिवृत्त शिक्षक तुला राम और उसकी पत्नी आशा, बलुवाकोट निवासी चालक कृष्ण बताए जा रहे हैं।
एक अन्य रोंगकोंग में उरेडा पावर हाउस का मजदूर है जो बाहर का बताया जा रहा है। देर सायं तक एक शव के चिथड़े मिले हैं। घटनास्थल पर मलबा हटाने का कार्य जारी है।
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