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देश में जिस तरह से सड़कों का जाल बिछा है इसने निसंदेह ट्रांसपोर्टेशन को सुगम बनाया है. खुली चमचमाती सड़कें और उस पर सरपट दौड़ती गाड़ियां जिंदगी को रफ्तार तो देती हैं लेकिन कई बार एक छोटी सी गलती के चलते लोगों की जान भी चली जाती है. हाल ही में राजस्थान के सवाई माधोपुर के हाईवे पर हुए भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के 6 लोगों की जान चली गई. अब इस हादसे का CCTV फुटेज सामने आया है. जिसमें देखा जा सकता है कि, किस तरह से एक ट्रक चालक की लापरवाही ने 6 जिंदगियां छीन ली.
क्या है मामला:
दरअसल, बीते 5 मई को मुकंदगढ़ का रहने वाला एक परिवार Maruti Omni कार से सफर कर रहा था. बीते 25 अप्रैल को परिवार में नई कार आई थी और इसी कार से लोग रणथम्भौर में त्रिनेत्र गणेश जी के दर्शन के लिए गए थें. इस बीच दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर बौंली (सवाई माधोपुर) थाना क्षेत्र में बनास पुलिया के पास उनकी कार एक सड़क हादसे का शिकार हो गई जिसमें मौके पर ही 6 लोगों की मौत हो गई और अन्य दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
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कैसे हुआ हादसा?
इस हादसे का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. जिसमें देखा जा सकता है कि, कार अपनी लेन में चल रहा है. कार के आगे एक ट्रक भी चल रहा है. हाईवे पर थोड़ी दूर आगे बढ़ने के बाद ट्रक चालक पहले अपनी लेन से थोड़ा सा दाईं तरफ जाता है और अचानक ट्रक को बाईं ओर मोड़ देता है. ये सबकुछ इतनी तेजी से होता है कि, कार चालक कुछ समझ नहीं पाता है. इससे पहले वो कुछ करता कार सीधे ट्रक में जा घुसी. इस टक्कर के बाद कार का तकरीबन आधा हिस्सा बुरी तरह डैमेज हो जाता है और कार में सवार 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो जाती है.
जाहिर है कि, वीडियो देखकर आप भी समझ गए होंगे कि आखिर गलती किसकी है. दाईं तरफ के लेन में चल रहा ट्रक अचानक से बाईं तरफ मुड़ता है और पीछे से आ रही कार उससे जा टकराती है. ये हादसा उन सभी के लिए एक सबक और चेतावनी भी है जो हाईवे पर ड्राइविंग करते हैं.
हाईवे पर ड्राइविंग के दौरान ध्यान रखें ये बातें:
दो वाहनों के बीच की दूरी:
ड्राइविंग के दौरान हमेशा अपने सामने वाले वाहन से दूरी बनाकर चलें. एक्सप्रेसवे जैसी सड़कों पर जगह-जगह शाइनबोर्ड लगे मिलते हैं जहां साफतौर पर निर्देश दिया जाता है कि टेलगेटिंग से बचें और अपने से आगे वाले वाहन से कम से कम 70 मीटर की दूरी बना कर रखें. ये दूरी ही आपको किसी भी आपात स्थिति के दौरान खुद को बचाने का मौका और समय देती है.
स्पीड लिमिट:
अंग्रेजी में एक कहावत है कि, ‘स्पीड थ्रील्स बट किल्स’ यानी रफ्तार मजा तो देता है लेकिन जान ले लेता है. सुरक्षित ड्राइविंग की सबसे बड़ी दुश्मन स्पीड होती है. हाईवे या एक्सप्रेस-वे पर खाली सड़क देखकर कभी भी स्पीड लिमिट को क्रॉस न करें. आजकल की आधुनिक कारों में स्पीड लिमिट अलर्ट जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं. इस पर ध्यान रखें और सुरक्षित रफ्तार में वाहन चलाएं.
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सीट बेल्ट:
हाईवे या एक्सप्रेस-वे पर ड्राइविंग के दौरान यदि आपकी कार में सभी सीटों पर सीट-बेल्ट दी गई है तो उसका इस्तेमाल जरूर करें. कुछ कारों में केवल फ्रंट रो में बैठने वाले यात्रियों के लिए ही सीट बेल्ट दिए जाते हैं. सड़क हादसों में कार के मेटल पार्ट से शरीर के टकराव के ही चलते मौत की संभावना बढ़ जाती है. सीट-बेल्ट रफ्तार के दौरान एक्सीडेंट होने पर शरीर को झटका लगने या कार केबिन के किसी अन्य पार्ट से टकराने से रोकता है.
थकान में ड्राइविंग:
हाईवे या एक्सप्रेस-वे पर लंबी दूरी यात्राओं के दौरान थकान होना स्वाभाविक है. ऐसे में ड्राइविंग करने से पहले ही अपनी नींद पूरी कर लें. यदि ड्राइविंग के दौरान आपको थकान लगती है या उबासी आती है तो तत्काल वाहन को साइड में रोकें. वाहन से बाहर आएं और ठंडे पानी से मुंह को धुलें. इसके बाद फ्रैश फील करने के बाद ही आगे बढें.नींद में गाड़ी चलाने से हर साल कम से कम 1,00,000 सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं.
ओवरटेकिंग:
कई बार देखा जाता है कि लोग तेज रफ्तार में दूसरे वाहनों को ओवरटेक करते हुए आगे बढ़ते हैं. यदि बहुत जरूरी हो तभी ओवरटेक करें. इस दौरान ध्यान दें कि आपके आगे चल रहे वाहन के आगे कोई और अन्य वाहन न हो. इसके अलावा कभी भी बाईं तरफ से ओवरटेक न करें. हमेशा हॉर्न का इस्तेमाल करते हुए दाईं तरफ से ही आगे बढ़ें. रात के समय डीपर का भी इस्तेमाल करें.
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बड़े वाहनों पर नज़र:
यदि हाईवे पर आपके सामने कोई बड़ा वाहन चल रहा है. मसलन, कोई ट्रैक्टर, ट्रक या डंपर इत्यादि तो सबसे पहले अपनी रफ्तार कम करते हुए उससे दूरी बनाएं. समय के साथ जगह मिलने पर ही उसे ओवरटेक करें. इस दौरान जब सामने चल रहा वाहन पास दे तभी उसे ओवरटेक करे. आगे बढ़ने से पहले हॉर्न और लाइट का इस्तेमाल जरूर करें.
ड्रिंक एंड ड्र्राइव:
भारत में सड़क पर होने वाली मौतों में ड्रिंक एंड ड्राइव (नशे में गाड़ी चलाना) की अहम भूमिका है. केंद्र सरकार द्वारा जारी 2022 के सड़क दुर्घटना आंकड़ों से पता चलता है कि, 2022 में देश भर में हु़ई सड़क दुर्घटनाओं में अकेले ड्रिंक एंड ड्राइव के चलते 3,268 सड़क हादसे हुएं. जो उस वर्ष दर्ज की गई सभी दुर्घटनाओं का लगभग 10% है. इसलिए भूलकर भी ड्राइविंग के दौरान शराब का सेवन न करें और न ही शराब पीकर गाड़ी चलाएं.
लेन में रहें, सुरक्षित रहें:
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भारत में हाईवे पर ड्राइविंग करते समय लेन डिसिप्लिन का होना बेहद जरूरी है. यहां लापरवाही बरतने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिससे आपकी जान पर भी बन सकती है. यहां लेन डिसिप्लिन से संबंधित कुछ ख़ास प्वाइंट्स दिए जा रहे हैं जिसे जरूर फॉलो करें-
लेन डिसिप्लिन का पालन करें: जब आप हाईवे पर हों, तो सभी लेन के बारे में जानना बेहद जरूरी है. दाहिनी लेन, जिसे फास्ट लेन कहा जाता है, ओवरटेकिंग के लिए है. बायां लेन धीमी गति से चलने वाले और भारी वाहनों के लिए है. इसके अलावा, मध्य लेन का उपयोग मध्यम गति से चलने वाले वाहनों के लिए किया जा सकता है. अपनी गति के आधार पर, गाड़ी चलाने और सुरक्षित यात्रा करने के लिए उपयुक्त लेन का चुनाव करें.
राइट लेन: ओवरटेकिंग के लिए
लेफ़्ट लेन: स्लो स्पीड भारी वाहनों के लिए
मिडल लेन: मध्यम गति से चलने वालों के लिए
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लेन बदलने के नियम: जब आप लेन बदलना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि आप सेफ ड्राइविंग के लिए अपने पीछे के वाहनों को इसके बारे में पहले से सूचित करें. इसके लिए इंडिकेटर का इस्तेमाल जरूर करें और लेन बदलने से पहले साइड व्यू मिरर में पीछे से आने वाहनों को जरूर चेक करें. बिना किसी पूर्व सूचना के लेन बदलने से टकराव की संभावना बढ़ जाती है. जैसा कि राजस्थान वाले मामले में भी देखने को मिला है. उक्त ट्रक चालक ने बिना किसी इंडिकेटर के सीधे अपने ट्रक को बाईं तरफ मोड़ दिया था.
बीच में चलें: जब आप लंबी दूरी की यात्रा कर रहे हों और आपको सीधे चलने की आवश्यकता हो, तो मध्य सड़क (मिडिल लेन) पर रहने की सलाह दी जाती है. दूसरी ओर, यदि आप दाएं या बाएं जाना चाहते हैं, तो आपको इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करते हुए और स्लो स्पीड में पीछे से आने वाले वाहनों पर नज़र रखते हुए लेन का बदलाव करना चाहिए.