वर्ल्ड रेबीज डे हर साल 28 सितंबर को मनाया जाता है. यह दिन फ्रांसीसी एवं सूक्ष्म जीव विज्ञानी, रसायनज्ञ लुई पाश्चर की पुण्यतिथि के मौके पर मनाया जाता है. उन्होंने पहली रेबीज वैक्सीन विकसित की थी. यह एक जानलेवा बीमारी है. यह कुत्ते, बिल्ली, बंदर, चूहे, गाय, घोड़े सह अन्य जंगली जनवरों के काटने से फैलता है. एक आंकड़े के अनुसार, भारत में 30 से 60 मिलियन आवारा कुत्ते हैं, जिन्हें इस बीमारी का मुख्य वाहक भी माना गया है. कुत्तों के काटने से प्रति वर्ष देश में करीब 21 हजार लोगों की मौत हो जाती है. इस विषय में ओपोलो हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ श्याशीष बंद्योपाध्याय ने बताया कि उक्त जानवरों के काटने पर तुरंत रेबीज का टीका लगाया जाना जरूरी है. इसके अलावा चिकित्सकीय देख-रेख भी आवश्यक है.