World Cancer Day: तेजी से बढ़ रहा जीआई कैंसर, पुरुषों में बीमारी का तीसरा बड़ा कारण; इस तरह के खाने से रहना होगा दूर – ncr World Cancer Day 2024 GI gastrointestinal cancer rapidly increasing in men third leading cause of disease reason is junk and fast food liquor


रणविजय सिंह, नई दिल्ली। फास्ट फूड देखकर खाने पर यदि नियंत्रण नहीं रहता और जीवनशैली भी खराब है जो जरा संभल जाएं। खराब जीवनशैली और खानपान जंक फूड का अधिक इस्तेमाल व शराब का सेवन का असर कैंसर की बीमारी पर भी दिखने लगा है। इससे कैंसर की बीमारी का पैटर्न भी बदल रहा है।

prime article banner

बड़ी संख्या में लोग जीआई (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) ट्रैक के कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं। पुरुषों में यह कैंसर की बीमारी का तीसरा बड़ा कारण बनने लगा है। डॉक्टर इसका कारण बड़ा कारण खराब जीवनशैली, खानपान में जंक फूड, रेड मीट, शराब इत्यादि का सेवन व मोटापा बता रहे हैं।

एम्स के कैंसर सेंटर के रेडिएशन आंकोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. अभिषेक शंकर ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की एजेंसी आइएआरसी (कैंसर अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी) एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में दुनिया भर में दो करोड़ लोग कैंसर से पीड़ित हुए और 90 लाख 70 हजार मरीजों की मौत हुई।

उन्होंने बताया कि एक आंकलन के अनुसार, भारत में 14 लाख 13 हजार 316 लोग पीड़ित हुए। जिसमें छह लाख 91 हजार 178 पुरुष और सात लाख 22 हजार 138 महिलाएं शामिल हैं। इस आंकड़े के अनुसार पुरुषों के मुकाबले महिलाएं कैंसर से अधिक पीड़ित होती हैं। देश में पुरुषों में पांच बड़े कैंसर में ओरल कैंसर ( होंठ व मुंह), फेफड़े, भोजन नली (एसोफेगस), बडी आंत (कोलोरेक्टम) व पेट (आमाशय) के कैंसर शामिल है।

ओरल कैंसर व फेफड़े के कैंसर पुरुषों में पहले से अधिक होते रहे हैं लेकिन तीसरे, चौथे और पांचवें इन तीन स्थानों पर जीआई से संबंधित भोजन नली, कोलोरेक्टम व पेट के कैंसर ने जगह ले ली है। जबकि कुछ वर्ष पहले गले से संबंधित कैंसर अधिक होते थे। प्रोस्टेट कैंसर भी बड़ी समस्या रही है। वहीं महिलाओं में स्तन, सर्विकल, ओवरी, ओरल व रेक्टम कैंसर अधिक हो रहे हैं। कैंसर से पीड़ित करीब 50 प्रतिशत महिलाएं स्तन, सर्विकल व ओवरी की कैंसर से पीड़ित होती हैं।

एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस) टीकाकरण से सर्विकल कैंसर रोकथाम संभव है। फेफड़े का कैंसर पुरुषों में कैंसर का दूसरा बड़ा कारण बना हुआ है। इसका कारण तंबाकू का इस्तेमाल और प्रदूषण है। प्रदूषण से महिलाओं में स्तन कैंसर का भी खतरा है। इसे ध्यान में रखकर बीमारी की रोकथाम के लिए रणनीति तैयार किए जाने की जरूरत है।

एक आंकलन के अनुसार भारत में वर्ष 2022 में भारत में कैंसर से नौ लाख 16 हजार 826 मरीजों की मौत हुई। महिलाओं में कैंसर के मामले अधिक होने के बावजूद पुरुषों में मृत्यु दर अधिक है। इसका कारण फेफड़े और जीआई से संबंधित कैंसर की बीमारी अधिक गंभीर होना हो सकता है। कोलोरेक्टम कैंसर के कुछ मामलों में बीमारी का कारण जेनेटिक भी होती है। लेकिन पेट सहित जीआई से संबंधित कैंसर का प्रमुख कारण खराब खानपान, मोटापा इत्यादि है।

युवा भी बड़ी आंत के कैंसर से होते हैं पीड़ित

मैक्स अस्पताल के रेडिएशन आंकोलाजी के निदेशक डॉ. दुदुल मंडल ने कहा कि सामान्य तौर पर बड़ी आंत व कोलन कैंसर 50 वर्ष से अधिक उम्र में होती है लेकिन अब 30 से 40 वर्ष की उम्र के युवा भी इससे पीड़ित हो रहे हैं। कैंसर के इलाज में भी काफी बदलाव आया है। पहले कैंसर होने पर मरीजों के बचने की दर बहुत कम थी लेकिन अब कई कैंसर का बेहतर इलाज उपलब्ध होने से 90 प्रतिशत तक मरीज ठीक हो सकते हैं।

मैक्स अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. पीके जुलका ने बताया कि तंबाकू के इस्तेमाल से भोजन नली का भी कैंसर होता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार देश में कैंसर के करीब 40 प्रतिशत मामलों का कारण तंबाकू होता है। तंबाकू का सेवन छोड़कर कैंसर की बीमारी को काफी कम किया जा सकता है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *