
कपिल देव (175*) बनाम जिम्बाब्वे : विश्व कप 1983
भारत को अपनी सेमीफाइनल की उम्मीदों को जिंदा रखने के लिए जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच जीतना जरूरी था, लेकिन पीटर रॉसन और केविन कुरेन ने कुछ घातक तेज गेंदबाजी से भारत की महत्वाकांक्षाओं पर पानी फेर दिया. जिससे भारत 17/5 पर सिमट गया. भारत को करारी हार का सामना करना पड़ता, लेकिन कपिल देव आखिरी उम्मीद थे. यह ऑलराउंडर भारत के लिए अंतिम संकटमोचक साबित हुआ, उसने 138 गेंदों में 16 चौकों और छह छक्कों की मदद से 175* रन बनाए. रोजर बिन्नी, मदन लाल और सैयद किरमानी के साथ साझेदारी करके कपिल ने भारत को 266/8 के उल्लेखनीय स्कोर तक पहुंचाया. भारत केवल वही मैच नहीं जीता, फाइनल में वेस्टइंडीज को हराकर वर्ल्ड ट्रॉफी भी घर ले आया.