World Music Day 2023 : संगीत अब मनोरंजन के साथ करियर का विकल्प भी


World Music Day 2023 : संगीत के क्षेत्र युवा कर रहे जबलपुर का नाम रोशन, इशिता मप्र सरकार के लाडो अभियान की ब्रांड एंबेसडर हैं।

Publish Date: Wed, 21 Jun 2023 12:38 PM (IST)

Updated Date: Wed, 21 Jun 2023 12:38 PM (IST)

World Music Day 2023 : संगीत अब मनोरंजन के साथ करियर का विकल्प भी

World Music Day 2023। संगीत के क्षेत्र में अब बड़ा परिवर्तन आया है। अब लोग इसे सिर्फ मनोरंजन का साधन ही नहीं, बल्कि करियर का बेहतरीन विकल्प तथा समाज में इज्जत, नाम, शोहरत एवं पैसा कमाने का मुख्य साधन बनाने लगे हैं। संगीत एक ऐसी विद्या है जो हृदय और मन के तार को झंकृत कर आनंद मग्न कर देती है। प्राचीन काल से अब तक संगीत अपने यथावत महिमा के साथ चलायमान है। विश्‍व संगीत दिवस पर बातचीत के अंश।

युवा पीढ़ी का संगीत की ओर झुकाव

युवा पीढ़ी का संगीत की ओर काफी लगाव व झुकाव दिख रहा है। युवा अब मोटी-मोटी किताबों के पन्नों में उलझकर सरकारी नौकरी को ही अपना करियर नहीं, बल्कि संगीत में भी असीम संभावनाओं को तलाश रहे हैं। संगीत के क्षेत्र में देश के युवा प्रतिभा निखरकर सामने आए हैं, जो इस क्षेत्र से जुड़े नौनिहालों के लिए आइकन है। शहर के युवा भी पीछे नहीं है। शहर के युवा संगीतकार जो संगीत को करियर के तौर पर लेकर अपना भविष्य गढ़ने के साथ ही साथ शहर का नाम भी रोशन कर रहे हैं।

लिटिल चैंप्स में बनाई थी पहचान

गायक कलाकार आभास जोशी ने संगीत उद्योग में अपने लिए एक जगह बनाई है। प्लेबैक सिंगिंग के इस युवा सुपरस्टार के घर में उनके भाई श्रेयस जोशी भी सिंगर हैं। आभास जोशी लिटिल चैंप्स सा रे गा मा पा (2004 में एक बच्चों का संगीत शो) के प्रतिभागी के रूप में संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाई और प्रतियोगिता के विजेता थे। इससे पहले, उन्होंने एक अन्य म्यूजिकल रियलिटी शो, मास्टर मैडम सिंगिंग कॉम्पिटिशन में भी भाग लिया था, जिसके लिए उन्हें उपविजेता के रूप में श्रेय दिया गया था।

2008 में वाइस आफ इंडिया शो में रहे विजेता

2008 में वाइस आफ इंडिया शो में विजेता भी रह चुके हैं। आभास जोशी ने लोकप्रिय संगीत कलाकारों बप्पी लहरी, शंकर महादेवन , ‘शान ‘, ऋचा शर्मा और सलीम-सुलेमान के साथ काम कर चुके हैं। आभास ने संगीत के सात स्वरों में बहुत अच्छी महारत हासिल की है। सूफी गानों के साथ बालीवुड का नाता कई साल पुराना है। सा रे गा मा पा, भारतीय टेलीविजन के इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाला संगीत रियलिटी शो, युवा पीढ़ी के पार्श्व गायकों के लिए हमेशा स्वागत किया गया। हर बार यह एक नए अवतार में वापस आ गया था। अगर सा रे गा मा पा का मंच नहीं होता, तो भारत में कई युवा आवाज़ें अभी भी अनसुनी रह जातीं।

सामाजिक कार्यों से जुड़ी हैं इशिता

इशिता विश्वकर्मा ने 16 साल की उम्र में रियलिटी शो सा रे गा मा जीता था। वे दिल है हिंदुस्तानी 2 और संगीत सम्राट जैसी रियलिटी शोज में हिस्सा ले चुकी हैं। इशिता मप्र सरकार के लाडो अभियान की ब्रांड एंबेसडर हैं। इशिता विश्वकर्मा 2019 के लिए सा रे गा मा पा की विजेता हैं। इशिता काफी छोटी उम्र से ही वह सामाजिक कार्यों से जुड़ी हुई हैं। वह बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैला रही हैं और उन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लाडो अभियान का ब्रांड एंबेसडर भी चुना गया है। इशिता विश्वकर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय भगवान, अपने माता-पिता, गुरुजी और को दिया है। इशिता ‘सारेगामापा लिटिल चैंप्स’ के पांचवें सीजन में भी शामिल हुई थीं, उस समय टाप-12 से बाहर हो गई थीं। इशिता की गायकी ने जबलपुर का नाम विश्व प्रसिद्ध किया है। उनकी गायकी हर उम्र वर्ग के लोगो को भा रही है।

आगे बहुत कुछ करना है

समस्त श्रृष्टि संगीतमय है। सृजन और संहार से लेकर हर जगह संगीत व्याप्त है। 2018 में दिल है हिंदुस्तानी रियालिटी शो में सुरधाम ग्रुप की लीड गायिका रत्निका श्रीवास्वत थीं। तभी से रत्निका का रुझान रियालिटी शो की तरफ बढ़ गया था। इसके पश्चात 2019 में सारेगामापा में टाप 15 पर इसके बाद 2020 में तारें जमीं पर रियालिटी शो फाइनलिस्ट रत्निका भविष्य में बहुत कुछ करना चाहती हैं। अभी तो रत्निका की छोटी सी शुरुआत हुई है। रत्निका ने अपने दादाजी राजू श्रीवास्वत से संगीत की शिक्षा प्राप्त की है। साथ रत्निका की गुरु वीणा धामनगांवकर से संगीत की शिक्षा ली है। रत्निका अभी अपने गुरुजनों से और भी सीखना चाहती है। रत्निका संगीत की विद अंतिम परीक्षा पास कर चुकी है। रत्निका भविष्य में रियालिटी शोज में भाग लेना चाहती हैं l


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