Yamuna Nagar News: खानपान का बिगड़ा संतुलन, शरीर बना बीमारियों का घर


संवाद न्यूज एजेंसी

यमुनानगर। जंक फूड खाना अब लोगों की आदत में शामिल हो गया है। एक दिन जंक फूड न खाएं तो बच्चों व युवाओं में बेचैनी सी बढ़ जाती है। यही वजह है कि लोगों का शरीर अब बीमारियों का घर बन गया है। यही वजह है कि जो बीमारियां पहले बुढ़ापे में लोगों को अपना शिकार बनाती थी वह अब बचपन में ही दिखाई देने लगी हैं।

अस्पतालों की ओपीडी में हर उम्र के लोगों की उपचार कराने के लिए भीड़ लगी रहती है। मुकंद लाल जिला अस्पताल में ही एक साल में 162181 लोग अपने उपचार के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें से 70 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो दूसरी व तीसरी बार भी उपचार कराने के लिए अस्पताल में पहुंचे। वहीं 24866 लोग इमरजेंसी में उपचार के लिए पहुंचे।

महिलाओं का स्वास्थ्य भी लगातार खराब हो रहा है। शादी के बाद मां बनना गर्भवतियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। गर्भ ठहरने से लेकर बच्चे का जन्म होने तक महिलाओं को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है। करीब 10 माह के भीतर जिला नागरिक अस्पताल में 5397 गर्भवतियों ने चेकअप के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें 1598 गर्भवतियां तो ऐसी हैं जो हाई रिस्क पर हैं। उन्हें स्वास्थ्य विभाग की तरफ से महीने में तीन बार गुड़-चना दिया जा रहा है।

जिला नागरिक अस्पताल यमुनानगर की डाइटिशियन डॉ. रीमा बैरी ने बताया कि ज्यादा फास्ट फूड का सेवन करने वाले लोगों में 80 फीसदी दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इस तरह के आहार में ज्यादा फैट होता है जो कोलेस्ट्रॉल के अधिक होने का कारण बनता है। मैदे और तेल से बने जंक फूड हमारी पाचन क्रिया को भी प्रभावित करते हैं। इससे कब्ज की समस्या उत्पन्न हो सकती है। शरीर को एनर्जी के लिए जिन तत्वों की आवश्यकता होती है, उनकी पूर्ति दूध, फल, रोटी-सब्जियों से होती है। हम स्वस्थ रहें इसके लिए भोजन करने और बनाने की कला का भी ज्ञान चाहिए। भोजन भूख लगने पर ही करना चाहिए।

जंक फूड खाना ठीक नहीं : डॉ. दिव्या मंगला

जिला नागरिक अस्पताल की पीएमओ डॉ. दिव्या मंगला ने बताया कि आज लोग पौष्टिक आहार को कम फास्ट फूड या जंक फूड को ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं। जंक फूड हमारी जिंदगी को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं आपको अंदाजा नहीं है। एक शोध की माने तो जंक फूड खाने से दिमाग में गड़बड़ी पैदा होने लगती है। निरंतर फास्ट फूड के सेवन से आप शिथिल होते जाते है। हम खुद को थका हुआ महसूस करने लगते हैं। जंक फूड का लगातार सेवन युवाओं में डिप्रेशन का कारण बन सकता है। वहीं लोगों को सुबह-शाम सैर जरूर करनी चाहिए। आधे घंटे की सैर काफी लाभकारी होती है।


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