ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो और फास्टफूड रेस्टोरेंट चेन मैकडोनाल्ड को जुर्माने की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है. दोनों के ऊपर जोधपुर की एक उपभोक्ता अदालत ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. जोमैटो ने खुद शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है.
कोर्ट ने माना- इस कानून का उल्लंघन
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर में जोमैटो के हवाले से बताया गया है कि उपभोक्ता अदालत ने उसके और उसके रेस्टोरेंट पार्टनर मैकडोनाल्ड पर लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. दोनों कंपनियों के ऊपर यह जुर्माना उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम 2019 का उल्लंघन करने के चलते लगाया गया है. इसके अलावा उन्हें 5000 रुपये का कानूनी कार्यवाही का खर्च भी भरना होगा.
उपभोक्ता अदालत का आदेश
दरअसल एक ग्राहक ने जोमैटो से खाना ऑर्डर किया था. ग्राहक ने वेज खाने का ऑर्डर किया था. ऑर्डर मैकडोनाल्ड के लिए किया गया था. गलती से रेस्टोरेंट पार्टनर ने ग्राहक को वेज की जगह नॉन-वेज खाना भेज दिया था. इसी मामले को लेकर कोर्ट में शिकायत की गई थी. जोधपुर के डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्पुट रीड्रेसल फोरम (2) ने मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि कंपनियों ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 का उल्लंघन किया है. इसके लिए दोनों के ऊपर अदालत ने 1 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया.
कंपनियों की बनी इतनी देनदारी
उपभोक्ता अदालत ने साथ ही यह भी माना कि कंपनियों को कानूनी कार्यवाही का खर्च भी उठाना होगा. इसके लिए दोनों कंपनियों को 5000 रुपये भरने के लिए कहा गया है. इस तरह से दोनों कंपनियों के ऊपर खर्च और जुर्माने की रकम मिलाकर 1 लाख 5 हजार रुपये की देनदारी बनाई गई है. कोर्ट ने दोनों को बराबर-बराबर भुगतान करने के लिए कहा है. इसका मतलब हुआ कि दोनों को 52,500 रुपये भरने होंगे.
चुनौती देने की तैयारी में जोमैटो
हालांकि जोमैटो का कहना है कि वह उपभोक्ता अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करेगी. कंपनी ने कहा कि वह अपील फाइल करने की प्रक्रिया में है. इसके लिए कंपनी अपने कानूनी सलाहकारों से सलाह ले रही है. साथ ही उसने ये भी कहा है कि अदालत के इस फैसले से उसके ऊपर किसी प्रकार का खास फाइनेंशियल या ऑपरेशनल असर नहीं पड़ने वाला है.
ये भी पढ़ें: 6 महीने में डबल हुआ भाव, Zomato को मिला ये टारगेट