सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : अमर उजाला
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राजधानी भोपाल में आटो चलाने वाला एक व्यक्ति चरस का अंतर्राष्ट्रीय तस्कर निकला, वह नेपाल से नेटवर्क के जरिए चरस मंगवाकर भोपाल में खपाता था। नेपाल से लाई जाने वाली चरस को नेपाली बर्फी के नाम से पुकारते थे। बिहार निवासी 40 वर्षीय महिला बिहार से चरस की खेप भोपाल लाती थी। इसके लिए उसे पांच हजार रुपए मिलते थे। उक्त महिला करीब 6 माह से ऑटो ड्राइवर के लिए बिहार से चरस भोपाल ला रही थी। भोपाल क्राइम ब्रांच ने 9 किलोग्राम चरस के साथ महिला को उस समय गिरफ्तार किया है, जब वह ऑटो चालक को चरस की डिलीवरी दे रही थी। पुलिस ने इस मामले में तीन तस्करों को पकड़कर पूछताछ कर रही है। गिरोह के नेटवर्क से जुड़े कुछ और तस्कर भी गिरफ्तार किए जा सकते हैं। जब्त की गई 9 किलोग्राम चरस की कीमत करीब दो करोड़ रुपए आंकी गई है।
पुलिस उपायुक्त क्राइम ब्रांच श्रुतिकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि एक महिला द्वारा रेल से चरस लेकर भोपाल आने की सूचना मिली थी। इसके बाद भोपाल के रानीकमलापति रेलवे स्टेशन पर क्राइम ब्रांच की टीम तैनात की गई थी। महिला एक पुरुष साथी के साथ रेलवे स्टेशन के बाहर एक ऑटो वाले के पास खड़ी दिखी। घेराबंदी के बाद महिला और उसके साथ खड़े दोनों पुरुषों को पकड़कर तलाशी ली गई तो 9 किलोग्राम चरस बरामद हुई। महिला की शिनाख्त 40 वर्षीय शारदा देवी पत्नी चंद्रिका महतो के रूप में हुई है।
नेपाल से एक तस्कर बिहार पहुंचाता है
पूछताछ में महिला तस्कर ने बताया कि नेपाल से एक तस्कर बिहार तक चरसा की खेप पहुंचाता है। इसके बाद महिला ट्रेन के जरिए चरस की खेप लेकर भोपाल आती है। भोपाल में ऑटो चालक को चरस देने पर उसे पांच हजार रुपए मिलते हें।
यह आरोपी हुए हैं गिरफ्तार
– ऑटो चालक मोह. ताहिर पिता मोह. सादिक (30) निवासी रामनगर शाहजहानाबाद भोपाल
– सोहनलाल मेसकर पिता लखनलाल मेसकर (35) निवासी बाजपेई नगर ईदगाह हिल्स, भोपाल
– शारदा देवी पति चंद्रिका महतो उम्र (40) निवासी जिला बेंतिया, बिहार
ऑटो चलाने की आड़ में तस्करी
डीसीपी क्राइम ब्रांच श्रुतिकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि मो. ताहिर ऑटो चालक है। वह ऑटो चलाने की आड़ में चरस की तस्करी करता था। इतवारा, कोलार, शाहजहांनाबाद, गौतम नगर और टीला जमालपुरा क्षेत्र में उसके अधिकांश ग्राहक हैं, जिन्हें वह नेपाली बर्फी के नाम पर नेपाल से चरस मंगवाकर बेचता था। वह ऑटो में ही सवारी ढोने के बहाने कॉलोनियों में जाता और तस्करीकरता था। उसके साथ सोहनलाल मेसकर पिता लखनलाल मेसकर भी तस्करी में शामिल रहता है।
नेपाल से लिंक तलाश रही पुलिस
डीसीपी सोमवंशी ने बताया कि मो. ताहिर के संपर्क नेपाल तक हैं। नेपाल से किसी तस्कर के जरिए बिहार तक चरस मंगवाकर वहां से बिहार निवासी महिला के जरिए भोपाल मंगवाता था। इस मामले में मो. ताहिर की मास्टरमाइंड है। पुलिस उसके नेटवर्क को खंगालने में जुटी है कि वह कैसे नेपाल तक के तस्करों से जुड़ा और चरस की सीधे डिलीवरी करा रहा है।